शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में ज्यादा जोखिम लेकर काम करने वालों के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश पर बवाल मच गया है. जारी आदेश में विभाग ने “सेक्स वर्कर” का भी नाम प्राथमिकता सूची में शामिल किया है. अब आलम ये है कि स्वास्थ्य विभाग की इस त्रुटि से शिवराज सरकार की किरकिरी होने लगी है. कांग्रेस ने भी इस मामले को हाथोंहाथ लेते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा है. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद विभाग ने गलती सुधारते हुए “सेक्स वर्कर” की जगह “सैलून वर्कर” लिखकर नया आदेश जारी कर दिया है.

संशोधित आदेश

दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को आदेश को जारी किया है कि ज्यादा जोखिम लेकर काम करने वाले जैसे- सिलेंडर सप्लाई, होटल मजदूर, गल्ला मंडी, हाथ ठेला, रेस्टोरेंट, मॉल में कार्यरत स्टाफ, दूधवाले, वाहन चालक, साइट मजदूर, सुरक्षा गार्ड और “सेक्स वर्कर” का जल्द टीकाकरण किया जाए.

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बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर तंज कसा है. कांग्रेस प्रवक्ता सयैद जफर ने कहा कि शिवराज सरकार ने माना कि प्रदेश में हैं सेक्स वर्कर. इसे कहते हैं सुलेमानी आदेश, अब तो सुलेमान साहब के इस आदेश के बाद मान लेना चाहिए कि प्रदेश में सेक्स वर्कर हैं, ये धंधा जोरो पर चल रहा है. इसलिए तो सरकार की मंत्री समूह की बैठक में निर्णय लिया गया है. इस प्राथमिकता सूची में पत्रकार नहीं हैं.

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