रायपुर। राज्य सरकार के एक आदेश से शिक्षाकर्मी बौखला गए हैं. उन्होंने सरकार से सीधा सवाल किया है कि ‘जब शिक्षाकर्मी सरकार का हरेक काम करते हैं, तो फिर राज्य सरकार उन्हें अपना कर्मचारी क्यों नहीं मानती.’ शिक्षाकर्मियों का कहना है कि समान वेतन की बात तो दूर है, राज्य सरकार उन्हें खेल प्रतियोगिताओं जैसे आयोजनों से भी दूर रखती है.

दरअसल कुछ दिनों पहले खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने राज्य में सिविल सर्विसेज खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया, लेकिन प्रतियोगिता के आयोजन के लिए कलेक्टरों को जो पत्र भेजा गया है, उसमें साफ-साफ लिखा गया है कि इस प्रतियोगिता में शिक्षाकर्मी भाग नहीं ले सकते हैं. सरकार के इस स्पष्ट निर्देश के बाद शिक्षाकर्मी बौखला गए हैं. आदेश में शिक्षाकर्मी के अलावा पंचायतकर्मी, निगम और मंडल के कर्मचारियों को भी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए मना कर दिया गया है.

इस सरकारी आदेश को लेकर छत्तीसगढ़ पंचायत एवं नगरीय निकाय शिक्षाकर्मी संघ प्रदेश संचालक संजय शर्मा कहते हैं कि “निश्चित तौर पर ये शिक्षाकर्मियों का मनोबल गिराने वाला और उनके साथ सौतेलेपन के व्यवहार का एहसास दिलाने वाला आदेश है. उन्होंने कहा कि शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति स्थायी शिक्षकों के समान पद पर उनके लिए सेटअप बनाकर की गई है, जब उन्हें खेलने का अवसर ही नहीं दिया जाएगा, तो इसका सीधा सा मतलब है कि राज्य के शिक्षकों के सबसे बड़े वर्ग को ऐसी प्रतियोगिता से दूर रखा जा रहा है, जो सही नहीं है. विभाग को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए शिक्षाकर्मियों को भी समान अवसर देना चाहिए”.

वहीं छत्तीसगढ़ पंचायत एवं नगरीय निकाय शिक्षाकर्मी संघ प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक दुबे ने कहा है कि राज्य के सबसे बड़े कर्मचारी वर्ग को ऐसी प्रतियोगिता से बाहर रखना निश्चित तौर पर उनके साथ सौतेला व्यवहार है. शिक्षाकर्मियों को भी अपनी खेल प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलना चाहिए और यही स्वस्थ प्रतियोगिता का परिचायक रहेगा. उन्होंने कहा कि जब हम जनगणना, मतगणना, पल्स पोलियो समेत अन्य सभी शासकीय कार्यों के लिए योग्य हैं, तो फिर खेल प्रतियोगिता के लिए अयोग्य क्यों ? विवेक दुबे ने कहा कि विभाग को पुनर्विचार करते हुए शिक्षाकर्मियों को भी इस खेल प्रतियोगिता में शरीक होने का अवसर देना चाहिए.

कुल मिलाकर खेल प्रतियोगिता से दूर रखने के सरकारी आदेश के खिलाफ सभी शिक्षाकर्मी हैं और उन्होंने सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है.