Shimla Mirch Ki Kheti: उत्तर प्रदेश के किसानों में शिमला मिर्च की खेती की लोकप्रियता बढ़ रही है। हरी, लाल और पीली शिमला मिर्च की खेती से भी किसानों को भारी मुनाफा हो रहा है। यूपी के कई ऐसे किसान हैं, जो शिमला मिर्च की खेती कर लागत से 4 गुना तक मुनाफा कमा रहे हैं. आगरा, फिरोजाबाद से लेकर लखनऊ और बाराबंकी तक किसानों ने भरपूर मात्रा में शिमला मिर्च की खेती शुरू कर दी है।

लखनऊ के किसान रमेश वर्मा भी उन किसानों में शामिल हैं, जिन्होंने शिमला मिर्च की खेती से अच्छी कमाई की है। किसान तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ के गोसाईगंज के कासिमपुर के किसान रमेश वर्मा पाली हाउस में शिमला मिर्च की खेती करते हैं और लागत से 4 गुना तक मुनाफा कमाते हैं.

शिमला मिर्च की खेती के उनके मॉडल को अपनाकर अन्य किसान भी अपनी आय बढ़ा रहे हैं। रमेश वर्मा ने पॉलीहाउस के जरिए 1000 वर्ग मीटर क्षेत्र में शिमला मिर्च की खेती की थी।

रमेश वर्मा ने हरी, पीली और लाल शिमला मिर्च का उत्पादन किया। शिमला मिर्च की खेती में कुल 8 महीने का समय लगता है। वहीं उसकी लागत ₹100000 के करीब आ गई, जबकि उसे ₹450000 का मुनाफा हुआ। बाजार में लाल और पीली शिमला मिर्च का भाव 150 से ₹200 प्रति किलो तक मिल जाता है। इस वजह से उनका मुनाफा ज्यादा होता है।

ऐसे करें शिमला मिर्च की खेती

रमेश वर्मा ने बताया कि ड्रिप सिंचाई से शिमला मिर्च की वैज्ञानिक खेती अधिक लाभकारी है। अधिकांश किसान पानी लगाने के पारंपरिक तरीके को अपनाकर खेती कर रहे हैं। इससे उत्पादन भी प्रभावित होता है, जबकि ड्रिप सिंचाई से खेती करने से पानी की बचत होती है। साथ ही फसल का उत्पादन भी अच्छा होता है। इस खेती में किसान समय-समय पर खाद, पानी और कीटनाशक का छिड़काव कर अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं।

शिमला मिर्च की खेती करते समय इन बातों का ध्यान रखें

शिमला मिर्च की खेती के लिए जमीन का पीएच मान 6 होना चाहिए। जबकि शिमला मिर्च का पौधा 40 डिग्री तक तापमान सहन कर सकता है। शिमला मिर्च का पौधा रोपाई के 75 दिन बाद उत्पादन देना शुरू कर देता है। वहीं इसके उत्पादन की बात करें तो एक हेक्टेयर में शिमला मिर्च की फसल का उत्पादन 300 क्विंटल होता है.

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