प्रतीक चौहान. रायपुर. प्रदेश के एक मात्र सिकल सेल संस्थान में जहां मरीज दूर-दूर से इलाज की उम्मीद लेकर पहुंचते हैं, लेकिन वहां के डॉक्टर और पूरी टीम है कि उन्हें धोखा दे रही है. वे न केवल मरीजों को धोखा दे रहे हैं, बल्कि शासन को भी चपत लगा रहे हैं.

दरअसल, यहां मल्टीविटामिन टैबलेट के नाम पर आयुर्वेदिक गोलियां दी जा रही है, जो अपने आप में नियमों के विपरित है. इतना ही नहीं इस दवा के खरीदी में भी यहां गड़बड़झाला चल रहा है. यहां ओपीडी में मरीजों को जो मल्टीविटामिन दी जा रही है, उसकी एमआरपी मरीजों से छिपाई जा रही है. एमआरपी को ब्लैक मार्कर से छिपा दिया गया है. इस गोली की पूरी खेप जल्द से जल्द खपाकर सारे सबूत मिटाने की तैयारी चल रही है.

हैरानी की बात ये है कि शुक्रवार को जब लल्लूराम डॉट कॉम की टीम सिकल सेल संस्थान के ओपीडी काउंटर में पहुंची. जहां ये मल्टीविटामिन के 5-6 डिब्बे मौजूद थे, वो महज 5 मिनट में गायब कर दिए गए. इस दवा की खरीदी के संबंध में जब पूरी पड़ताल की गई, तो पता चला कि ये दवा सिकल सेल संस्थान ने कोतवाली चौक रायपुर स्थित एक निजी मेडिकल स्टोर से खरीदी है. इसका बिल लल्लूराम डॉट कॉम के पास मौजूद है, जिसमें इस दवा की एमआरपी 20 रुपए बताई गई है, जबकि जो दवा सप्लाई की गई है, उसकी एमआरपी 12 रुपए है, जिसे ब्लैक मार्कर लगाकर छिपा दिया गया है.

इतना ही नहीं सूत्रों का दावा है कि इसके अलावा भी सिकल सेल स्थान में नॉट फॉर सेल की दवा सप्लाई की गई है. इसके अलावा उक्त मल्टीविटामिन आयुर्वेदिक है और नॉम्स के मुताबिक मल्टीविटामिन का जो फॉर्मूला होना चाहिए था, वो भी इस दवा में मौजूद नहीं है.  सूत्र का यहां तक दावा है कि उक्त मल्टीविटामिन में आयरन भी मौजूद है, जो सिकल सेल मरीजों के लिए घातक है.