शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारी मंहगाई भत्ता बढ़ाए जाने को लेकर एक दिन की हड़ताल पर जा रहे हैं. केंद्रीय कर्मचारियों का 28 फीसदी डीए बढ़ाए जाने के बाद कर्मचारियों ने सराकर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. 20 जुलाई से मंत्रालय में काम काज ठप हो  जाएगा.

दरअसल, प्रदेश में 5 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने को लेकर एक दिन की हड़ताल पर जा रहे हैं. मंत्रालय कर्मचारी संघ ने प्रदर्शन की सूचना राज्य सरकार को दे दी है. कर्मचारी केंद्र के समान ही 28 फीसदी डीए चाहते हैं. कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है कि प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता लंबे समय से नहीं बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा, पिछले 5 सालों से पदोन्नतियां बंद हैं, दो साल से वेतनवृद्धि बंद है. केंद्र से महंगाई भत्ते में प्रदेश 12 प्रतिशत पीछे है.

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सुधीर नायक ने कहा, कर्मचारियों को 200 रुपये परिवहन भत्ता मिलता है, जो बेहद हास्यास्पद है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनका महंगाई भत्ता केंद्र के सामान बढ़ाया जाए. क्योंकि बढ़ती महंगाई में प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों को भी केंद्र के सामान डीए दिया जाए, वेतन वृद्धि जो रुकी है वह भी जल्द मिलना चाहिए.

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गौरतलब है कि मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है. सरकार ने DA/DR पर लगी रोक हटा लिया है. डीए और डीआर 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया गया है. इससे 60 लाख पेंशनर्स और 52 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा. कोविड-19 महामारी के कारण सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के डीए और पेंशनर्स के महंगाई राहत (DR) पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब इसे बहाल कर दिया गया है. यह 1 जुलाई 2021 से लागू होगा.

ये हैं प्रमुख मांगे

5 साल से पदोन्नति बंद है, पदोन्नति शुरू की जाए

2 साल से वेतन वृद्धि नहीं हुई है.

केंद्र से महंगाई भत्ते में एमपी 12 फीसदी पीछे है.

केंद्र के हिसाब से बढ़ाया जाए महंगाई भत्ता.

वेतन विसंगति को भी दूर किया जाए.

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