राजस्थान के डूंगरपुर शहर से 20 किलोमीटर दूर दामड़ी गांव में नवग्रहों के 9 अलग-अलग मंदिर बन रहे हैं. ये प्रदेश का पहला नवग्रह मंदिर है. भक्तों के लिए खास बात ये होगी कि यहां एक ही स्थान पर उन्हें नौ ग्रहों के दर्शन हो सकेंगे. मंदिर का काम आधे से ज्यादा पूरा हो चुका है.

मंदिर को विज्ञान और ज्योतिष के संयोजन के साथ बनाया जा रहा है. इसलिए मंदिर तैयार होने के बाद विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा. दामड़ी गांव के व्यास आश्रम में नवग्रह मंदिर में महर्षि विश्वामित्र यज्ञशाला और नवग्रहों के मंदिरों और मूर्तियों से संबंधित आकार, प्रकार, रंग, विन्यास, दिशा, स्थिति आदि का संयोजन विशेष तरीके से किया जा रहा है. इन मंदिरों की विशेषताएं और मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा सम्प्रज्ञात समाधि के जरिए अनेक दिव्य रहस्यों से भरपूर हैं. जो कि तंत्र, मंत्र, यंत्र, वास्तु, ज्योतिष और आध्यात्मिक अष्टांग योग पर आधारित हैं.

हर मंदिर का आकार होगा अलग

  • इस मंदिर में स्वस्तिक आकार की यज्ञशाला
  • वर्तुल आकार (गोलाकार) का सूर्यमंदिर
  • वर्गाकार (चौकोर) का चंद्र मंदिर
  • त्रिभुज (तीकोना) आकार का मंगल मंदिर
  • बाण आकार का बुध मंदिर
  • आयताकार (रेक्टेंगल) का गुरु मंदिर
  • पंचकोण आकार (पैंटागॉन) का शुक्र मंदिर
  • धनुष आकार का शनि मंदिर
  • सूपड़े के आकार का राहु मंदिर
  • ध्वजा आकार का केतु मंदिर बनेगा.