रायपुर। समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने वाले और सूचना का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं करने पर तीन जनसूचना अधिकारियों पर 25-25 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है. राज्य सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी की कार्रवाई से तमाम जनसूचना अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है.

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत हीरा राठौर सीएसईबी कॉलोनी कोरबा ने जन सूचना अधिकारी ग्राम पंचायत बनिया जनपद पंचायत पोंड़ी उपरोड़ा और ग्राम पंचायत नानबिर्रा जनपद पंचायत पाली से को 3 जुलाई 2017 को आवेदन प्रस्तुत कर एक फरवरी 2015 से 31 मार्च 2017 तक ग्राम पंचायत में कराए गए कार्याें के पारित प्रस्ताव किस-किस बैंक से किस-किस दिनांक को राशि आहरण किया गया. सभी हितग्राहियों के वाउचर रसीद, चेक किस हितग्राही को दिया गया उसका नाम पता सहित छायाप्रति की मांग की गई थी. जानकारी प्राप्त नहीं होने पर 7 नवंबर 2017 को प्रथम अपील आवेदन प्रस्तुत की गई, किन्तु प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट होकर आयोग में 11 जनवरी 2018 को द्वितीय अपील की गई.

राज्य सूचना आयुक्त त्रिवेदी ने आवेदन का अवलोकन कर अधिनियम के तहत अपीलार्थी और जनसूचना अधिकारी को सुनने के पश्चात अपीलार्थी को समय सीमा में जानकारी नहीं प्रदाय करने एवं आयोग में कोई जबाब प्रस्तुत नहीं करने के साथ ही आयोग के पत्रों का कोई जवाब नहीं देने पर को गंभीरता से लेते हुए ग्राम पंचायत बनिया के सचिव (तत्कालीन जनसूचना अधिकारी) हरिनाम सिंह और ग्राम पंचायत नोनबिर्रा जनपद पंचायत पाली के तत्कालीन जनसूचना अधिकारी पूनम बैसवाड़े के विरूद्ध धारा 20 (1) के तहत 25-25 हजार रुपए का अर्थदण्ड की राशि अधिरोपित की गई. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पोंड़ी उपरोड़ा और पाली को निर्देशित किया गया कि अधिरोपित अर्थदण्ड की राशि की वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराकर आयोग को सूचित करें.

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इसी प्रकार चोयसिंह खाण्डेकर ग्राम ओमपुर रजगामार ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा को 12 सितंबर 2016 को आवेदन प्रस्तुत कर ने वर्ष 2015 से 2016-17 तक 13 वें और 14 वें वित से प्राप्त राशि की वर्षवार जानकारी मांगी. इसी प्रकार 13 वें और 14 वें वित्त की राशि से कराए गए कार्याे की ग्राम पंचायत रजगामार की बैठक का प्रस्ताव ओर 50 हजार से अधिक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति और खर्च की गई राशि, प्रत्येक माह में कितनी राशि बचत है, बैंक पास बुक की छायाप्रति, रोजगार गारंटी की संपूर्ण जानकारी की मांग की थी. तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत रजगामार विकासखण्ड कोरबा ने आवेदक को कोई जानकारी नहीं दी और प्रथम अपीलीय अधिकारी ने भी कोई निर्णय नहीं दिया, जिससे द्वितीय अपील की गई.

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आयोग ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत रजगामार सुरेश कुमार धारी कई अवसर प्रदान किया गया कि आयोग में जवाब प्रस्तुत करें, किन्तु उन्होंने कोई रुचि नहीं दिखाई, जिसके कारण राज्य सूचना आयुक्त त्रिवेदी ने धारा 20 (1) के तहत 25 हजार रुपए का अर्थदण्ड की राशि अधिरोपित किया की गई. उन्होंने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा को निर्देशित किया कि अधिरोपित अर्थदण्ड की राशि की वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराकर आयेग को सूचित करें.

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