रायपुर। आन्‍ध्र प्रदेश में बन रहे पोलावरम बांध से छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के आदिवासियों की विस्थापित होने की खबर ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तक को विचलित कर दिया है. इस संबंध में छत्तीसगढ़ का पक्ष जानने के लिए मुख्य सचिव के साथ सुकमा कलेक्टर को समन भेजा है. अधिकारियों को 29 जून को व्यक्तिगत तौर पर दिल्ली में कमीशन के सामने उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है.

बता दें कि पोलावरम बांध आंध्रप्रदेश की इंदिरा सागर अंतरराज्यीय परियोजना का हिस्सा है. पोलावरम बांध के बनने से सुकमा जिले के कोंटा सहित 9 गांव डूब जाएंगे, इनमें बंजाममुड़ा, मेटागुंडा, पेदाकिसोली, आसीरगुंडा, इंजरम, फ़ंदीगुंडा, ढोढरा, कोंटा, वेंकटपुरम के प्रभावित होने का अनुमान है. इन क्षेत्रों की जनसंख्या 18 हज़ार 510 है. इस संबंध में समाचार पत्र में खबर प्रकाशित होने के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार को समन भेजा है.

अधिकारियों को 29 जुलाई को सुबह 11.30 बजे कमीशन के चेयरपर्सन हर्ष चौहान के सामने सुनवाई के लिए बांध से जुड़े तमाम दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के लिए कहा गया है. उपस्थित नहीं होने पर विधिसम्मत कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.