नई दिल्ली। शारदा ऑफसेट को सुप्रीम कोर्ट ने राहत प्रदान करते हुए पाठ्य पुस्तक निगम की काली सूची में डालने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे के अलावा अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव, आशुतोष पाण्डेय, शशांक ठाकुर, एवी श्रीधर व हिमांशु सिन्हा ने पैरवी की. मामले में न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की बेंच में सुनवाई हुई.

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ताओं ने न्यायालय को बताया कि शारदा ऑफसेट को सुनवाई का मौका दिए बगैर पाठय पुस्तक निगम ने विधि विरुद्ध काली सूची में डाला है. यही नहीं जिस कंडिका के तहत पाठय पुस्तक निगम ने शारदा ऑफसेट को काली सूची में डाला गया, वह कंडिका कानूनी प्रावधानों के विपरीत है. न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पाठय पुस्तक निगम को नोटिस जारी कर जवाब मांगते हुए काली सूची में डाले जाने वाले आदेश पर स्थगन दिया है.

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इसके पहले उच्च न्यायालय बिलासपुर में न्यायमूर्ति गौतम भादुरी की एकलपीठ ने 13 अप्रैल 2021 को शारदा ऑफसेट को काली सूची में डाले जाने के विरुद्ध प्रस्तुत याचिका पर याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत प्रदान करने से मना किया गया था, जिसके विरुद्ध याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था.

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