नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 2009 में आदिवासियों की कथित तौर पर एक्सट्रा ज्युडिशियल हत्या के मामले में सुरक्षा बलों के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग करने वाले कार्यकर्ता हिमांशु कुमार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया है. शीर्ष अदालत ने हिमांशु कुमार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. साथ ही आगे की कार्रवाई छत्तीसगढ़ सरकार पर छोड़ दी है.

जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जेबी पारदीवाला ने हिमांशु कुमार और अन्य के द्वारा दायर एक याचिका पर फैसला सुनाया और कहा कि हिमांशु पर लगाए गए 5 लाख रुपये के जुर्माने को सुप्रीम कोर्ट की कानूनी सेवा समिति के पास चार हफ्ते के भीतर जमा किया जाए. अगर वो पैसे जमा करने में विफल रहे तो उनके खिलाफ कदम उठाए जाएंगे.

प्रदेश सरकार को जांच की अनुमति

झूठे आरोप लगाने के लिए याचिकाकर्ता के खिलाफ मुकदमा चलाने की केंद्र की याचिका पर पीठ ने कार्रवाई छत्तीसगढ़ सरकार पर छोड़ दिया और संबंधित व्यक्तियों समेत संगठनों के खिलाफ जांच की अनुमति भी दे दी है. साथ ही अदालत ने कहा कि इस केस में झूठे आरोपों लगाने के साथ-साथ आपराधिक साजिश के लिए भी छत्तीसगढ़ सरकार कार्रवाई कर सकती है.

अदालत ने सब कुछ राज्य सरकार पर छोड़ा

पीठ ने कहा कि वह केंद्र द्वारा अंतरिम आवेदन में बयानों के संबंध में कानून के अनुसार उपयुक्त कदम उठाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार पर सब छोड़ रही है. बेंच ने कहा कि ‘हम स्पष्ट करते हैं कि ये मामला केवल आईपीसी की धारा 211 के अपराध तक सीमित नहीं होगा’. बल्कि साजिश या किसी अन्य अपराध का मामला भी सामने आ सकता है. हमने कोई अंतिम राय व्यक्त नहीं की है. हम इसे राज्य के बेहतर विवेक पर छोड़ते हैं.

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