लखनऊ. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर अपने चुटिले अंदाज से धर्माचार्यों पर पलटवार किया है. अयोध्या के महंत राजूदास ने स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर काटने वाले को 21 लाख रुपए का इनाम देने का ऐलान किया है. इसी ऐलान को लेकर स्वामी प्रसाद ने पलटवार किया है. स्वामी प्रसाद ने बिना नाम लिए राजूदास के साथ ही बागेश्वरधाम के धीरेंद्र शास्त्री पर भी निशाना साधा.

स्वामी प्रसाद ने कहा कि हर असंभव कार्य को संभव करने की नौटंकी करने वाले एक धाम के बाबा की धूम मची है. आप कैसे बाबा है जो सबसे सशक्त पीठ के महंत होने के बावजूद सिर तन से जुदा करने की सुपारी दे रहे हैं. श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे. 21 लाख भी बचता, असली चेहरा भी बेनकाब न होता.

स्वामी प्रसाद ने कहा कि अभी तक शूद्र वर्ण व्यवस्था का एक अंग था और अब हनुमान धाम के शास्त्री के अनुसार संतुलन खोने वाला शूद्र होता है नए ज्ञान के लिए धन्यवाद, मतलब यह मान लें कि मेरे बयान पर जिन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष ने पागलों की तरह संतुलन खोकर अनाप-शनाप कहा है वह सभी शूद्र व नीच हैं. 

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स्वामी प्रसाद यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़ों के सम्मान की बात क्या कर दी, मानो भूचाल आ गया. एक-एक करके संतो, महंतों, धर्माचार्यों का असली चेहरा बाहर आने लगा. सिर, नाक, कान काटने पर उतर आए. कहावत सही है कि मुंह में राम बगल में छुरी. धर्म की चादर में छिपे, भेड़ियों से बनाओ दूरी. 

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बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को स्त्रियों और दलितों का अपमान करने वाला ग्रंथ बताया है. शनिवार को स्वामी प्रसाद ने कहा था कि अभी हाल में मेंरे दिए गए बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने और सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है, अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद.

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