सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के जलसो में 5 हजार हरे भरे पेड़ों को काटे जाने का मामला राजभवन तक पहुंच गया है. युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष अमित चौधरी ने अवैध कटाई पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की है. अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन के बैनर तले अमित चौधरी ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से शिकायत की है. उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों पर लीपापोती कर मामले को दबाने का आरोप लगाया है. उसके साथ ही मामले की उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर जांच कराने की मांग की है.

प्रदेश अध्यक्ष अमित चौधरी ने बताया कि तिल्दा के जलसों गांव में 5 हजार पेड़ों की अवैध कटाई हुई है. इस मामले में ज़िम्मेदार अधिकारी लीपापोती कर मामले को दबाने में तुले हैं. इसलिए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर जांच कराने की मांग की गई है. मामले में दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए. जिससे पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा. अवैध कटाई करने वाले लोग डरेंगे. यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो अवैध कटाई करने वालों का हौसला बुलंद हो जाएगा.

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इससे पहले बीजेपी के पूर्व मंत्री और विधायक अजय चंद्राकर ने भी मुद्दे को उठाया था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार…. वानिकी की खेती के लिये तथाकथित रूप से प्रोत्साहन राशि ला रही है. 5000 से ज्यादा पेड़ काट डाले गये, उसके लिए सजा तो दूर निरीक्षण का भी प्रावधान नहीं है… कोई रसूखदार ₹ ₹ ₹ ले दे कर फैक्ट्री तो नहीं लगा रहा है….?

छत्तीसगढ़ शिवसेना ने भी कलेक्टर एस भारती दासन को पत्र लिखा था. शिवसेना ने कहा था कि बड़े उद्योगपति द्वारा वर्तमान समय में पेड़ का काटा जाना हत्या जैसे अपराध की श्रेणी में आता है. जिनमें भागीदार सभी दोषी लोगों को आजीवन कारावास की सजा मिलनी चाहिए.

बता दें कि बीते दिनों रायपुर जिले के तिल्दा के जलसो गांव में लहलहाते 5000 से ज्यादा पेड़ काट दिए गए. इस मामले की हर स्तर पर शिकायत की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. उद्योगपति पर कार्रवाई नहीं होना अपने आप में सवाल खड़ा कर रहा है. क्या उद्योगपति को किसी का संरक्षण प्राप्त है ? क्या प्रशासन और सरकार की इसमें मिलीभगत है ? क्या उद्योगपति को बचाने की कोशिश हो रही है ?

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