नई दिल्ली.कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक आज दिल्ली में रखी गई थी. जिसकी अध्यक्षता नव नियुक्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने की. इस कार्यसमिति की बैठक में मौजूदा राजनीतिक मुद्दों, 2जी स्पेक्ट्रम मामले पर गुरुवार को आए फैसले पर चर्चा की.बैठक में इस बात पर खास जोर दिया गया कि किस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात चुनाव के आखिरी समय में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर समेत कई गणमान्य शख्सियतों पर ऐसे आक्षेप लगाए जो शोभा नहीं देता.

बैठक में पार्टी की पूर्व अध्यक्ष व राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी,पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के शीर्ष निर्णायक निकाय के सदस्यों ने भाग लिया. कार्यसमिति की बैठक राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के एक सप्ताह के अंदर हुई.

कार्यसमिति के सदस्यों से राहुल गांधी ने गुजारिश की कि जल्द से जल्द संगठन में और अधिक ऊर्जा और स्फूर्ति लाकर चुनाव की तैयारी में जुट जाये. बैठक में सोनिया गांधी की सेवाओं को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें कहा गया कि किस तरह से सोनिया ने अपनी काबलियत और मेहनत से कांग्रेस को आगे बढ़ाया. वही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के आगे बढ़ने की उम्मीद जताई और शुभकामनाएं दी.

राहुल गांधी ने अध्यक्ष के रूप में ली पहली बैठक के बाद ही भाजपा पर आक्रम नजर आये. बैठके बाद राहुल ने ​मीडिया से चर्चा क​रते हुए कहा कि बीजेपी की पूरी बुनियाद झूठ पर रखी गई है और अब एक-एक कर झूठ बाहर आ रहे हैं. देश में कोई गुजरात मॉडल है ही नहीं. इस चर्चा के दौरान राहुल ने सीधे तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि आखिर कुछ मुद्दों पर वे चुप क्‍यों हैं? राहुल गांधी ने बीजेपी के मॉडल को झूठ का मॉडल करार दिया. 2G से लेकर विकास के गुजरात मॉडल को लेकर राहुल ने कहा कि सबका झूठ सामने आ चुका है. यहां तक की चुनावी वादे के तौर पर 15 लाख रुपये का झूठ भी सबने देख लिया.

गौरतलब है राहुल गांधी को अगले वर्ष कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के रूप में अगली चुनौती का सामना करना है. कांग्रेस यहां सत्तारूढ़ पार्टी है. पार्टी मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी सत्ता हासिल करना चाहती है. राहुल गांधी आने वाले समय में चुनावों में बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए कुछ संगठनात्मक बदलाव कर सकते हैं. मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा में भी अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं. हांलाकि हाल ही मे हुए गुजरात चुनाव के फैसले से पार्टी को कुछ सफलता मिली है. पार्टी ने गुजरात में प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के गृहराज्य में भाजपा को कड़ी चुनौती दी. कांग्रेस अपने कुछ वरिष्ठ नेताओं के हारने और शहरी क्षेत्रों में ज्यादा मत हासिल नहीं करने की वजह से हारी. वही पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में भी अपनी सत्ता गंवा दी.