सुशील सलाम. कांकेर. दंतेवाड़ा में नक्सलियों द्वारा किए गए IED ब्लास्ट की चपेट में आने से कांकेर के रहने वाले प्रधान आरक्षक रामकुमार यादव भी शहीद हो गए। रामकुमार परिवार में अकेले कमाने वाले सदस्य थे। वहीं रामकुमार के शहीद होने से उनके दो मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है।

कांकेर के झुनियापारा वार्ड में रहने वाले रामकुमार यादव साल 2005 में बतौर आरक्षक पुलिस में भर्ती हुए थे। जिसके बाद 2013 में प्रमोशन पाकर प्रधान आरक्षक बने थे। रामकुमार घर में कमाने वाले अकेले थे, उनके पिता शिवलाल यादव रिटायर्ड पीयून हैं। छोटा भाई भी है जो नौकरी की तलाश में है।

रामकुमार के 4 और 6 साल के दो बच्चे भी हैं, लेकिन पिता के अचानक यूं शहीद हो जाने से दोनों के सिर पर से छोटी सी उम्र में पिता का साया उठ गया है। वहीं परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। अब परिवार को इंतजार है तो बस शहीद के शरीर के पहुंचने का। ताकि वो अंतिम दर्शन कर सकें।

छुट्टी पर आने की कही थी बात
पड़ोसियों के मुताबिक 4 महीने पहले रामकुमार छुट्टी पर घर आया था और कुछ दिन पहले ही दोबारा छुट्टी पर आने की बात कही थी, लेकिन विकास यात्रा की वजह से उसे छुट्टी नहीं मिल पा रही थी। रविवार को रामकुमार सर्चिंग पर निकले थे, इसी दौरान नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया और उसकी चपेट में आने से रामकुमार शहीद हो गए।