राकेश चतुर्वेदी भोपाल। मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल में बोई जाने वाली फसल मक्का खरीदी का मामला संसद में गूजा। इस मामले को पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने संसद में उठाया। उनके सवाल का गोलमोल जवाब दिया गया। उन्होंने वर्ष 2019 और 2020 में कितनी मात्रा में मक्का खरीदी गई इस संबंध में सदन के माध्यम से संबंधित विभाग के मंत्री से उत्तर जानना चाहा। उनके सवाल पर खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री निरंजन ज्योति ने घुमा फिराकर जवाब दिया। उन्होंने वर्ष 2019-20 के बजाए 2017-18 में खरीदी की जानकारी दी। सांसद सिंह को जवाब के लिए दोबारा प्रश्न पढऩा पड़ा।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि आदिवासी अंचल में मक्का आवश्यक फसल है। वर्ष 2019-20 में राज्य सरकार ने कितनी मात्रा में मक्का की खरीदी की केंद्र सरकार को जानकारी है या नहीं? मंत्री ने जवाब दिया कि खरीदी के लिए केंद्र या राज्य सरकार की बाध्यता नहीं है। यदि चाहे तो राज्य सरकार भी मोटा अनाज खरीद सकती है।

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उन्होंने 2017-18 के खरीदी आंकड़े की जानकारी दी और कहा कि 2019-20 में मक्के की खरीदी नहीं हुई है। दिग्विजय सिंह के यह प्रश्न कि किसानों को मक्का खरीदी के लिए क्या प्रोत्साहन दिया गया है, अनुत्तरित रह गया।

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