संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी. मुंगेली के अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में लोक सुराज अभियान समस्याओं से भरा अभियान बन गया है. यहां के ग्रामीणों लिए बनाए गए समाधान शिविर के लिए 30-40 किमी की दूरी पर केन्द्र बनाया गया है. जिसके लिए बाकायदा आवेदनकर्ताओ को प्रशासन के द्वारा पर्ची भी थमा दी गई है. जिसमें लोक सुराज में दिए आवेदनों के निराकरण के लिए समाधान शिविर स्थल का जिक्र किया गया है. जिसे देखकर भोले भाले आदिवासी हैरान हैं. क्योंकि इलाके के दर्जन भर गांव से प्राप्त सैकड़ों आवेदन के लिये निवासखार में समाधान शिविर का आयोजन किया जाना तय किया गया है. जिसके चलते यहां के लोगों को अलग अलग दूरी तय कर शिविर स्थल पहुंचना होगा.

ऐसे में लोगो ने वहाँ पहुचने में असमर्थता जाहिर की है. ग्रामीणों का कहना है कि इस रास्ते से जाने में जंगली जानवरों का खतरा है और दुर्गम पहाड़ी रास्तों से इतनी दूरी तय कर पहुचना आसान नही है. इसके लिए प्रशासन को समाधान शिविर तक लाने ले जाने के लिए सुविधा मुहैया कराई जानी चाहिए या फिर करीब के गांव में शिविर का आयोजन किया जाए. वहीं लोगों का यह भी कहना है कि यदि हमारी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा सकता तो प्रशासन को हमारे आवेदनों को ही नहीं लेना था. जब समस्या का समाधान नहीं हो सकता तो ऐसे में आवेदनों का कोई मतलब नहीं. हमारे लिए ये समाधान शिविर समस्याओं का शिविर बन गया है.

वही छ्जकां नेता धर्मजीत सिंह ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए. इससे बड़ी शर्म की बात और क्या हो सकती है वो इसका विरोध करते है.

वहीं इस मामले में लोरमी एसडीएम सी एस पैकरा ने बताया कि लोक सुराज अभियान आम जनता की शिकायतों की सुनवाई के लिए ही है. जिसके लिये 10-10 गांव में एक-एक समाधान शिविर का आयोजन किया जाना तय हुआ है. ​यदि अचानकमार क्षेत्र में समाधान शिविर स्थल तक पहुचने में लोगों को परेशानी हो रही है. तो उस क्षेत्र में संशोधन करते हुए 5-5 गांव में एक-एक समाधान शिविर स्थल बनाया जाएगा. जिससे प्रत्येक गांव की दूरी के हिसाब से शिविर स्थल का चयन किया जाएगा और कोशिश की जाएगी कि वहां तक आवेदनकर्ता आसानी से पहुंच सके.