कवर्धा. जिले के ग्राम डेहरी में कर्जदारी से परेशान किसान संतोष साहू की खुदकुशी के मामले को करीब एक साल होने का है, लेकिन पीड़ित परिवार से जिले के दो विधायकों अशोक साहू व मोतीराम चंद्रवंशी द्वारा किया गया वादा अब तक पूरा नहीं हुअा है। यही नहीं पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री से भी इस अपनी शिकायत लेकर मिलने की कोशिश में है लेकिन स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मुलाकात नहीं होने दे रहे हैं।

ये है मामला

डेहरी निवासी संतोष साहू किसान ने 20 जुलाई 2017 को अपनी खेत में जहर का सेवन कर खुदकुशी कर ली थी। किसान ने हटकी के माध्यम से दो साहूकारों लाला पाटिल व उमाशंकर गु्प्ता से कर्ज ले रखा था। कर्ज के बदले हटकी की प्रणाली के तहत उसकी खेती की

जमीन गिरवी में रखी गई थी। इसी बीच संतोष साहू खेती के नुकसान की भरपाई के लिए गुड बनाने की फैक्टरी भी लगाना चाहते थे। इसके लिए कृषि भूमि का डायवर्शनकराना अावश्यक था। इस सरकारी प्रक्रिया के लिए भी उसने करीब 50 हजार रूपए अधिकारियों को बताैर रिश्वत दिए थे। लेकिन इसके बाद भी डायवर्शन नहीं हो पाया था। संतोष साहू चाहते थे कि गुड फैक्टरी चालू कर अपने कर्ज उतार सकें। लेकिन एेसा नहीं हो पाया। बढ़ती कर्जदारी के बीच तीन बच्चों व पत्नी सहित पांच लोगों का परिवार चलाना जब बेहद मुश्किल हो गया तो इस किसान ने अपनी जान दे दी।

विधायकों ने नहीं निभाया वादा

पीड़ित परिवार के सदस्यों मृतक संतोष की पत्नी निर्मला साहू, पुत्र उमेश साहू,विकास साहू ने बताया कि संतोष साहू की अात्महत्या के तीन-चार दिनों बाद जिले के विधायक मोतीराम चंद्रवंशी व अशोक साहू उनके घर सांत्वना देने अाए। इस दाैरान इन्होंने किसान अात्महत्या की बात को प्रचारित होने से रोकने की बात कही। दोनों विधायकों ने परिवार को भरोसा दिलाया कि संतोष साहू जिस जमीन का डायवर्शन कराना चाहते थे वह करवा दिया जाएगा। परिवार के एक सदस्य को नाैकरी दी जाएगी। इसके साथ ही सरकार से उचित मुअावजा भी दिलाया जाएगा। साहूकारों के पास जो जमीन गिरवी है उसकी रजिस्ट्री शून्य करवाकर वापस दिलाने की बात कही थी। यह वादा करने के बाद दशगात्र के बाद दोनों विधायक पीड़ित परिवार को अपने साथ रायपुर लेकर अाए। इन्हें मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह से मिलवा कर घटना की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने सारी बात सुनकर कहा था, काम हो जाएगा।

मुख्यमंत्री से मिलने में अफसरों का रोड़ा

पीड़ित परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनके क्षेत्र में मुख्यमंत्री 27 तारीख को विकास यात्रा के सिलसिले में अाने वाले हैं, इस दाैरान ये लोग मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखना चाहते हैं। लेकिन परिजनों के मुताबिक प्रशासन के अधिकारी इन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दे रहे हैं।इधर इस बारे में कवर्धा एसपी लाल उमेद सिंह का कहना है कि उन्हें इस संबंध में किसी तरह का कोई भी आवेदन नहीं मिला है,इसलिये ऐसा आरोप सरासर गलत है.

विधायक चंद्रवंशी ने ये कहा-

इस मामले पर जब लल्लूराम डॉट कॉम के संवाददाता ने विधायक मोतीराम चंद्रवंशी से बातचीत की तो उनका कहना था कि पीड़ित परिवार ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया, जिसके वजह से उन्हें मुआवजा की राशि नहीं मिल पाई. दूसरी बात नौकरी को लेकर भी हमारी ओर से पहल की गई थी. पुलिस की नौकरी के लिए शारीरिक मापदंड में फेल होने से नौकरी का विकल्प भी हाथ से निकल गया. तीसरी बात जहाँ तक जमीन के डायवर्सन और रजिस्ट्री शून्य करवाकर जमीन वापस दिलाने की बात थी, इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार उनसे आज तक मिले ही नहीं हैं. विधायक चंद्रवंशी ने आगे कहा कि पीड़ित परिवार को 31 मई को सीएम से मिलवाने प्रयास करेंगे.