रायपुर. छत्तीसगढ़ में फसल बीमा इस बार बजाज फायनेंस, एचडीएफसी बैंक और युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश कंपनी करेंगी. जैसा की पिछले सालों में भुगतान को लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं. ऐसे में इस बार इस तरह की परिस्थिति निर्मित न हो इसके लिए सरकार को कुछ खास कदम उठाने होंगे. सरकार के मुताबिक पिछले साल प्रदेशभर के किसानों ने 129 करोड़ रुपए प्रीमियम के तौर पर जमा कराया था. इसके एवज में इन्हें 1294 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया गया है. अब इस बार इन कंपनियों को बीमा का ठेका मिला है. लेकिन हमारी बात बजाज फायनेंस के सीनियर अधिकारी संदीप से बात हुई तो उन्होंने कहा कंपनी को प्रदेश के 12 जिलों में काम करने का टेंडर मिला है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी कोई नोटीफिकेशन जारी नहीं किया गया. इसलिए इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. बताया जा रहा है कि प्रशासनिक प्रक्रिया में उलझने के चलते इसमें देरी हो रही है. कुछ इसी तरह युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश कंपनी के जनरल मैनेजर का कहना है कि कंपनी सरकारी नोटीफिकेशन जारी होने का इंतजार कर रही है.

गौरतलब है कि पिछले सालों में बीमा की राशि भुगतान के मामले को लेकर सवाल उठे हैं. कहीं कहीं किसानों को 1 रुपए 2 रुपए का चेक भुगतान के तौर पर मिला है. हालांकि इन बीमा कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि सभी प्रक्रिया केन्द्र सरकार के नियमों के आधार पर सरकारी एजेंसी द्वारा ही संपन्न होती है. ऐसे में बीमा कंपनी के हाथ में कुछ नहीं होता.

विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष ने सवाल उठाया था कि अनिवार्य रूप से किसानों से बीमा कराया जा रहा है, लेकिन किसान को बीमित रकम क्लेम करने का अधिकार नहीं दिया गया है. इसके जवाब में कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा था कि आपदा आती है तो सामूहिक तौर पर क्षतिपूर्ति का आंकलन किया जाता है.