मुंबई. औरंगाबाद से अपने घर मध्यप्रदेश जा रहे मजदूरों की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. 16 मजदूरों की दर्दनाक मौत के बाद पता चला कि अपने घर से करीब 35 किलोमीटर पैदल चलने के बाद मजदूर काफी थक गए थे और थकावट दूर करने ट्रैक पर ही सो गए.

 मगर उन्हें कहां पता था कि उनकी ये झपकी, मौत में बदल जाएगी.  35 किलोमीटर चलने के बाद ये सभी मजदूर पटरी पर ही आराम करने लगे. सुबह करीब सवा पांच बजे के वक्त ये सभी गहरी नींद में सो रहे थे.

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तभी ट्रेन आती है और इन्हें रौंद डालती है. सुबह के वक्त गहरी नींद में होने की वजह से किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला और घर वापस लौटने की उम्मीद टूट कर रह गई.

इस पूरी घटना में साउथ सेंट्रल रेलवे की तरफ से आधिकारिक बयान जारी किया गया है. जिसके मुताबिक घटना सुबह 5:20 बजे की है और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. रेलवे का दावा है कि मजदूरों को रेलवे ट्रैक पर देखते ही मालगाड़ी के लोको पायलट ने ट्रेन को रोकने की कोशिश की, मगर वह हो नहीं सका. हादसे में घायल लोगों को औरंगाबाद सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसके अलावा मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.