सुदीप उपाध्याय, बलरामपुर-रामानुजगंज। जिले में लॉकडाउन के अवधि में कुछ प्रशिक्षण संस्थान जिला प्रशासन के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए मासूम बच्चों की जान को खतरे में डाल रहे हैं.

मामला वाड्रफनगर विकासखण्ड के वार्ड नंबर 7 स्थित दीनदयाल कौशल विकास केंद्र नामक संस्था का है, जहां बच्चों को कम्प्यूटर, सिलाई आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है. संस्था के कई बच्चे कोरोना की चपेट में आने के बाद होम आइसोलेशन में अपना इलाज करवा रहे हैं. इसके बाद भी संस्थान में 24-25 बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस संबंध में उक्त संस्था के प्रबंधन का कहना है कि हमारा प्रोजेक्ट सेंट्रल गवर्नमेंट का है. जिला या राज्य सरकार हमें बन्द करने की कोई आदेश नहीं दे सकता है. जबकि जिला प्रशासन के लॉकडाउन आदेश के चौदहवे कॉलम में स्पष्ट लिखा हुआ है कि किसी भी केंद्रीय या राज्य शासन तथा निजी किसी भी प्रकार के प्रशिक्षण या शिक्षण संस्थाओं का संचालन पूर्णतः बंद रहेगा.

किया जा रहा जान से खिलवाड़

रिहायशी इलाके में स्थिति संस्थान में कोरोना काल में भी प्रशिक्षण जारी रहने से स्थानीय लोगों में काफी डर और रोष है. इस संस्था को लेकर वार्ड वासियो का कहना है कि जल्द से जल्द शासन प्रशासन को इस विषय को गंभीरता से लेते हुये इस संस्था के बिल्डिंग को सेनेटाइज करे. यही नहीं उस संस्था रह रहे प्रशिक्षक एवं शिक्षक को वहां से हटाकर क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाए. वार्डवासी ऋषिराज मिश्रा कहते हैं कि पूरा देश संक्रमण के दौर से गुजर रहा है. ऐसे में शासन-प्रशासन के आदेशों को नजरअंदाज कर संस्थाओं का संचालन किया जाना, वहाँ के बच्चों के साथ-साथ वार्डवासियों के जान के साथ खिलवाड़ करना है. शासन-प्रशासन को तत्काल ऐसे संस्थाओं के संचालन पर रोक लगाना चाहिए.

की जाएगी उचित कार्रवाई

इस संबंध में वाड्रफनगर अनुविभागीय अधिकारी विशाल महाराणा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर कोरोना काल में कोई संस्थान में बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, तो कलेक्टर से मार्गदर्शन के बाद उक्त संस्थान के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.