आदिवासी इलाकों में हुए सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. यहां के आदिवासियों के पास आधार कार्ड न होने से वे भूखे सोने को मजबूर हैं. लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है तो बच्चों के स्कूल में प्रवेश तक नहीं दिया जा रहा.

रांची. झारखंड में लातेहार-पलामू के ग्रामीण इलाकों में लोग आधार कार्ड न होने से भूखे पेट सोने को मजबूर हैं. यहां लोगों के पास पहचान पत्र के दस्तावेज नहीं हैं, इसलिए वे सामाजिक अधिकारों से वंचित हैं. ये बातें पर्टिक्युलर वल्नरेबल ट्राइबल ग्रुप्स (पीवीटीजी) में एक खास परहैया समुदाय के घरों में हुए सर्वेक्षण में सामने आई.

ये लोग न केवल आदिवासियों में सबसे कमजोर हैं, बल्कि आधार कार्ड न होने के कारण इनके बच्चों को स्कूल में प्रवेश नहीं मिल रहा है. पेंशन और राशन से वंचित होने के बाद, इन लोगों को अकसर खाली पेट ही सोना पड़ता है.

कई बार भूखे पेट सोना पड़ा’

यहां पर 325 परहैया परिवारों, 232 मणिका परिवारों में से 33 फीसदी और सतबरवा ब्लॉक में 93 लोगों ने सर्वेक्षण टीम को बताया है कि वे उन्हें कभी-कभी भूखे पेट सोना पड़ता है. वहीं 10 फीसदी लोगों ने कहा कि वे पिछले तीन महीनों में कई बार भूखे पेट सोए.  यह सर्वे 1 से 12 नवंबर के बीच किया गया। सर्वे की रिपोर्ट सामने आने के बाद इसका समाधान खोजने के लिए दिसंबर में जन सुनवाई की गई। यह जन सुनवाई वॉलंटियर्स छात्रों के सहयोग से स्थानीय नरेगा सहायता केंद्र (मनिका) द्वारा संचालित किया गया.

सरकार की दलील

सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि मई, 2003 के उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत, सभी पीवीटीजी परिवार अंत्योदय कार्ड (एएवाई) के हकदार हैं.  अंत्योदय कार्ड के साथ, उन्हें पीडीएस से हर महीने 35 किलो चावल मिलता है.  झारखंड में पीवीटीजी परिवार भी 600 रुपये प्रति माह की पेंशन के हकदार हैं। यदि वृद्धावस्था, विधवा या विकलांगता पेंशन के रूप में नहीं है, तो पीवीटीजी के लिए झारखंड सरकार की विशेष पेंशन योजना के तहत उन्हें पेंशन दी जाती है.  हालांकि झारखंड की कल्याण मंत्री लुइस मरांडी ने कहा, ‘मुझे इस सर्वे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. मैं पहली बार इसके बारे में सुन रही हूं. मैं डीएम को पत्र भेजकर इस मामले में एक हफ्ते के अंदर तत्काल रिपोर्ट देने को कहूंगी.’  इस सर्वे को लेकर खाद्य और आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा, मुझे भी इसकी जानकारी नहीं थी. योजनाओं का कार्यान्वयन अच्छी तरह से किया गया था, लेकिन कमियां हो सकती हैं. मैं उन लोगों के साथ मीटिंग करूंगा, जिन्होंने यह सर्वे किया है. उसके बाद इस पर कार्रवाई करूंगा’