दीपक कौरव, नरसिंहपुर। 6 साल की मासूम पर अब दो परिवारों की ममता उमड़ रही है। इनमें से एक वो है जिसके यहां बच्ची होश संभालने के समय से रह रही है। वहीं दूसरा परिवार वो है, जो बच्ची पर अपना हक जताते हुए दावा ठोक रहा है। बच्ची की इस जंग में मामला सपी के पास से होते हुए बाल संरक्षण समिति के पास पहुंच गया। समिति ने दोनों परिवारों को अपने-अपने साक्ष्य देने के लिए कहा गया है। फिलहाल बच्ची बाल संरक्षण गृह में अपना समय काट रही है।
दरअसल महिला और उसके पति का दावा है कि यह बच्ची उनकी है। जन्म के समय मासूम दिव्यांग थी। महिला ने कहा कि स्टेशन में रहने वाले परिवार ने बच्ची को ठीक करने का दावा किया। इसके बाद हमने बच्ची को तीन साल पहले बुजुर्ग को दे दिया था। महिला ने दावा किया कि इस दौरान इलाज के लिए 50 हजार रुपए भी दे चुकी है। हिला का कहना है कि अब जब बेटी ठीक हो गयी तो उसे ये परिवार के लोग वापस नही कर रहे हैं।
दावा करने वाले दंपती ने स्टेशन गंज पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई तो उसके बाद महिला ने एसपी के यहां आवेदन दिया है। मामला जांच के बीच है जो आने वाले दिनों में साफ होगा।
वहीं दूसरी तरफ बच्ची को पाल रहे बुजुर्ग ने कहा कि ये बिटिया उसके ट्रेन मेंं दातुन बेचने वाले बेटे की है। बच्ची का जन्म जबलपुर में हुआ था। वृद्ध का आरोप है कि महिला जो दस्तावेज बता रही है वे सब गलत है। जबकि जिस होटल में वृद्ध सालों से काम कर रहा है उसके मालिक से लेकर मोहल्ले वाले सभी वृद्ध के साथ हैं।
डीएनए टेस्ट से हो सकता है फैसला
फिलहाल पेचीदगी से भरा सारा मामला अब बाल संरक्षण समिति के पास है। इसे कर महिला बाल विकास अधिकारी मोहनी जाधव का कहना है कि सभी गवाह और सबूत सुने और देखे जा रहे हैं। बेटी विभाग के पास सुरक्षित और स्वस्थ है। आईने वाले समय में जरूरत पड़ी तो डीएनए टेस्ट भी कराया जा सकता है।
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मासूम बुजुर्ग के साथ रहना चाहती है
एक तरफ एक परिवार की महिला दस्तावेजों के साथ अपना दावा कर रही है तो दूसरी ओर लोगों की दूसरे परिवार के युवक के पक्ष में गवाही है। हालांकि बेटी वृद्ध के परिवार के साथ रहना चाहती है। फिलहाल मामला आने वाले दिनों में ही साफ हो पाएगा। इस महिला की यह बात गौर करने लायक है कि अगर बेटी उसकी है तो आखिरकार कोई मां तीन सालों से कैसे अपनी बेटी किसी परिवार के भरोसे छोड़ सकती है.. ? हम तो यही चाहेंगे कि जल्द मासूम की परीक्षा पूरी हो और उसे अपनों का साथ नसीब हो।
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