नई दिल्ली। भारत, चीन और अमेरिका से ज्यादा मेडल ला सके, इसके लिए केजरीवाल सरकार ने प्रतिभावान खिलाड़ियों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने मिशन एक्सीलेंस स्कीम के तहत 60 खिलाड़ियों को करीब 4 करोड़ रुपए का चेक सौंपते हुए कहा कि हमारा सपना है कि जितने मेडल चीन और अमेरिका लेकर आते हैं, हमें उससे ज्यादा मेडल लेकर आना है. हम प्रतिभावान खिलाड़ियों को पैसे की कमी नहीं होने देंगे. हमें देश का नाम रोशन करना है.
दिल्ली सरकार ने ‘मिशन एक्सीलेंस स्कीम’ के तहत जिन खिलाड़ियों को आर्थिक मदद दी थी, वे ओलंपिक से भारत के लिए मेडल लेकर आए. इसी के तहत मैंने 60 और खिलाड़ियों को चेक सौंपा. मुझे उम्मीद है कि इससे उन्हें अपनी ट्रेनिंग और डाइट में मदद मिलेगी. वो आगे बढ़ेंगे और देश को और मेडल दिलाएंगे. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे स्पोर्ट सिस्टम में गरीब खिलाड़ियों को मदद का अभाव, खेल सुविधाओं की कमी और राजनीतिक हस्तक्षेप समेत 3 कमियां महसूस होती हैं. देश में यह जो कमियां हैं, हम उन्हें दिल्ली में दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. हम मिशन एक्सीलेंस के तहत गरीब खिलाड़ियों की मदद कर रहे हैं. दिल्ली में जगह-जगह अंतर्राष्ट्रीय स्तर के इन्प्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं और खिलाड़ियों के चयन में राजनीतिक हस्तक्षेप खत्म कर दिया है. इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे.
मिशन एक्सीलेंस योजना से खिलाड़ियों को आर्थिक मदद- अरविंद केजरीवाल
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सब लोग जानते हैं कि एक खिलाड़ी जब पहला मेडल लेकर आता है, तो उसे बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. उसे कहीं से सहारा नहीं मिलता है, घर से भी उपेक्षा मिलती है, क्योंकि माता-पिता पढ़ने को बोलते हैं. कहते हैं कि खेलने से क्या होगा ? बिना किसी मदद के इतनी विपरीत परिस्थितियों में एक बार जब खिलाड़ी को मेडल मिल जाता है, तो सभी लोग उसके नाम और शोहरत के साथ जुड़ना चाहते हैं. उनको कोई सरकार एक करोड़ देती है, तो कोई दो करोड़ रुपए देती है. हम लोगों ने मिशन एक्सीलेंस योजना इसीलिए शुरू की थी, ताकि जो खिलाड़ी आगे बढ़ रहा है, उसको प्रशिक्षण लेने में आर्थिक मदद पहुंचाई जा सके. एक खिलाड़ी को प्रशिक्षण, कोचिंग, डाइट समेत कई तरह की जरूरत पड़ती है.
4 सदस्यीय चयन समिति तय करती है कि किसे और कितनी सहायता राशि देनी है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम लोगों ने पहले साल में 117 ऐसे खिलाड़ियों को मदद दी थी और आज 60 ऐसे खिलाड़ियों को चेक बांटे गए हैं, जिन्होंने मिशन एक्सीलेंस के तहत आर्थिक सहायता के लिए आवेदन किया है. सब लोगों को अलग-अलग राशि दी गई है. अच्छी बात यह है कि इसके अंदर किसी भी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है. 4 सदस्यीय चयन समिति है, जिसमें चारों सदस्य स्पोर्ट्स मैन हैं. यह समिति तय करती है कि इस स्कीम के तहत किसको और कितनी सहायता राशि देनी है. इस स्कीम के तहत अधिकतम 16 लाख रुपए की सहायता राशि दी जा सकती है. आज करीब 60 खिलाड़ियों को सहायता राशि के चेक दिए गए. यह कुल राशि 9 करोड़ रुपए से अधिक है.
दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी सिर्फ दिल्ली वालों के लिए नहीं है, पूरे देश के लिए है- केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि हमारा प्रयास है कि देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा मेडल मिले. 130 करोड़ लोगों का हमारा देश है और जब मेडल लेने की बात आती है, तो हम लोग गिने-चुने 2-4 मेडल लेकर आते हैं. हमारा सपना यह है कि हमें चीन को भी पीछे छोड़ना है. आज जितने मेडल चीन और अमेरिका लेकर आते हैं, हमें उससे ज्यादा मेडल लेकर आना है. इसके लिए हमें जो भी सहूलियतें देनी पड़ेगी, हम देंगे. अभी हमने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शुरू की है. स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में अभी हमने यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन के साथ पहला करार किया है. यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन स्पोर्ट्स के मामले में दुनिया की सबसे बेहतरीन यूनिवर्सिटी मानी जाती है. वहां से अब हमें किस्म-किस्म के कोच, गाइडेंस और एसओपी समेत कई तरह की मदद मिलेगी. हमारी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को खड़ा करने में वो मदद करेंगे, ताकि स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी हम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लेकर जा सकें.
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दिल्ली यूनिवर्सिटी में पूरे देश से प्रतिभाएं ले सकती हैं दाखिला
दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी सिर्फ दिल्ली वालों के लिए नहीं है, बल्कि पूरे देश के लिए है. हमारा मकसद है कि पूरे देश से प्रतिभाओं को तलाश कर उनको यहां लाएं, उनके हुनर को और चमकाएं और उनको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका दें. यह अपने आप में एक नया प्रयोग है.
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