लखनऊ. कोरोना काल में सामान्य मृत्यु होने के बाद भी लोग अपने परिजन और रिश्तेदारों के यहां दुःख की घड़ी में शामिल होने नहीं जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण होने का इतना खौफ है कि बेटा अपने मां-बाप की मृत्यु पर उनकी अर्थी उठाने के लिए नहीं आ रहे हैं. ऐसे में पुलिस ने इंशानियत की बड़ी मिसाल पेश की है. पुलिस कहीं पर बेटा बन कर तो कहीं पर पिता बनकर अंतिम संस्कार कर रही है.

उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी टैगलाइन ‘सुरक्षा आपकी, संकल्प हमारा’ चरितार्थ कर रही है. गोरखपुर में भी योगी की पुलिस ने इंसानियत और संवेदनशीलता की मिसाल पेश की है. सोशल मीडिया पर एक ट्वीट होने के बाद ही मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर महज एक घंटे में  प्रदेश की पुलिस मदद के लिए खड़ी हो गई. गोरखपुर के आर्यनगर, तरंग रोड की रहने वाली गरिमा के घर पिछले कई वर्षों से एक महिला काम करती थी. बीते कुछ दिनों में महिला की अचानक तबीयत खराब हुई. जिसके बाद गरिमा के घरवालों ने उसका इलाज नजदीकी अस्पताल में कराया. लेकिन महिला की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ती गई. जिसके बाद उस महिला ने अंतिम सांस ली.

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महिला की बेटी दिल्ली में रहती है. जिस कारण कोई भी अपना महिला के अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आ रहा है. ऐसे में जब गरीमा ने पूरे मामले की जानकारी ट्वीट के माध्यम से शासन को दी, तो मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर महज एक घंटे में शासन स्तर के अधिकारी और पुलिस महकमा मौके पर पहुंचा. अपना परिवार बनकर पहुंची गोरखपुर पुलिस ने महिला का अंतिम संस्कार कराया.

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