उमंग अग्रवाल, कानपुर देहात. देश मे फैली कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश के अधिकांश राज्यों में स्वास्थ्य विभाग को हिला कर रख दिया. उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना काल में कानपुर देहात में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से बदहाल है. यहां 20 लाख की आबादी में मात्र 55 एम्बुलेंस हैं. इसमें से 6 एम्बुलेंस खराब है. ग्रामीण इलाकों में इतनी कम एम्बुलेंस मरीजों के पास कैसे पहुंचेगी. इस बदहाली में कैसे कोरोना से जंग लड़ पाएंगे. जिलाधाकारी ने लापरवाह स्वास्थ्य विभाग को चेतावनी दी है.

सभी जगह अस्पतालों में बेड की कमी और ऑक्सीजन की किल्लत से लोग झूझते नजर आ रहे हैं. जिसके चलते लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ रही है. अस्पतालों से लेकर ऑक्सीजन गैस प्लांटों तक अपनों को बचाने के लिए लोग जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं. वहीं देश और दुनिया के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर के भारत मे आने की चेतावनी दी है. इससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है. इसी को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों को पहले से तैयार रहने के आदेश दिए है. जिसके बाद सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने सीएम योगी आदित्यनाथ हर संभव प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए चाहे जनपदों का निरीक्षण करना हो या फिर लापरवाहों पर कड़ी कार्रवाई करना हो. हर कड़े फैसले ले रहे हैं. साथ ही कोरोना की तीसरी लहर से पहले स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने और सभी व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए है.

इसके बावजूद कानपुर देहात के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाह कार्यशैली से स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल दिख रही हैं. कानपुर देहात की आबादी के सापेक्ष स्वास्थ्य सेवाएं पर्याप्त नहीं दिख रही है. जिसके चलते कानपुर देहात के जिलाधिकारी स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर सीएमओ से खासे नाराज दिख रहे है. समय पर स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने की कड़ी चेतावनी जारी की है. दरअसल कोरोना महामारी के दौर में या अन्य गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए जनपद कानपुर देहात की 20 लाख की आबादी को मात्र 55 एम्बुलेंसों के भरोसे रखा गया हैं. जिनमें से 6 एम्बुलेंस खुद ही बीमार दिख रही है. इन 55 एम्बुलेंसों मे से 15 कोविड ड्यूटी कर रही हैं.

कानपुर देहात के विशाल ग्रामीण क्षेत्रों के साथ इनकी जिला मुख्यालय में बने जिला अस्पताल से दूरी उस पर 20 लाख की आबादी में मात्र 55 एम्बुलेंस से कैसे कोरोना की तीसरी लहर का मुकाबला किया जाएगा, यह चिंता का विषय बना हुआ है. वहीं जिला अस्पताल से लेकर जनपद के सीएचसी और पीएचसी में खराब एम्बुलेंसों का अंबार लगा हुआ है. केवल जिला अस्पताल में ही दर्जनों की संख्या में खराब एम्बुलेंस खड़े-खड़े कबाड़ हो रही है. मात्र 108 एम्बुलेंस सेवा की 24 एम्बुलेंस 102 सेवा की 28 और 3 एएलएस एम्बुलेंस को जनपद की 20 लाख की आबादी के लिए रखा गया हैं.

वहीं इतनी भारी मात्रा में खराब पड़ी एम्बुलेंसों को नियमानुसार जिले के स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी न तो समय रहते नीलम करवाने की प्रक्रिया पूरी कर रहे है और न ही एम्बुलेंसों की संख्या जनपद में और बढ़ाने के लिए अन्य कोई कदम उठा रहे है. वहीं 102 और 108 एम्बुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर की माने तो जनपद में जो भी खराब एम्बुलेंस खड़ी है. उनको सरकार की गाइड लाइन के अनुसार खड़ा किया है. उनकी जगह अब नई एम्बुलेंस ने ले ली है. इन खराब एम्बुलेंसों को जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सुपुर्द कर दिया गया हैं. अब इनकी नीलामी की प्रक्रिया उनके माध्यम से होगी.

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वहीं जिले में भारी मात्रा में खराब एम्बुलेंसों के खड़े-खड़े कबाड़ होने की जानकारी पर जिलाधिकारी ने सीएमओ को कड़ी चेतावनी दी है. साथ ही सीएमओ को शीघ्र खराब एम्बुलेंसों को लेकर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए है. अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने बताया कि जिलाधिकारी ने सीएमओ को खराब एम्बुलेंसों को कोरोना की तीसरी लहर से पहले सही कराने के निर्देश दिए है. सही ही सरकार द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा न करने वाली एम्बुलेंसों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कराते हुए उनकी जगह नई एम्बुलेंसों के लिए डिमांड भेजने के निर्देश भी दिए हैं.

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