लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर, वाराणसी की पुलिस कमिश्नर प्रणाली की समीक्षा की. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सुदृढ़ और प्रभावी कानून व्यवस्था के लिए संकल्पबद्ध है. इसके दृष्टिगत प्रदेश के चार महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की गई.

उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली सामान्य पुलिसिंग से अलग है. इस प्रणाली में अधिकारियों के पास न्यायिक दायित्व के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई. चारों महानगरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने के जनहित में व्यापक सकारात्मक प्रभाव दिखने भी चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए मानव संसाधन एवं लाॅजिस्टिक की पूरी व्यवस्था की जाए.

सीएम ने कहा कि पुलिस कमिश्नर, अपर पुलिस कमिश्नर, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आदि अधिकारियों के कार्यालय एवं आवास उनके कार्यक्षेत्रों में ही स्थापित किए जाएं. जिससे क्षेत्र की जनता की अधिकारियों तक आसान एवं सहज पहुंच सुनिश्चित हो सके. कानपुर आउटर, लखनऊ ग्रामीण, वाराणसी ग्रामीण में पुलिस अधीक्षक एवं अपर पुलिस अधीक्षक के कार्यालय एवं आवास उनके कार्यक्षेत्र में ही स्थापित किए जाएं.

उन्होंने लखनऊ ग्रामीण में अपर पुलिस अधीक्षक तैनात करने के लिए निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली के चारों महानगरों में सेफ सिटी व्यवस्था को लागू करें. कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को तेजी से सक्रिय किया जाए. मिशन शक्ति को लेकर पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली में विशेष प्रयास किए जाएं. यह सुनिश्चित किया जाए कि पुलिस कमिश्नरेट में प्रत्येक महिला अपने आपको सुरक्षित महसूस करे. प्रभावी पुलिसिंग के लिए व्यस्त बाजारों में फुट पेट्रोलिंग, स्थानीय प्रशासन, व्यावसायिक संस्थानों, शैक्षिक
संस्थानों तथा अन्य सामाजिक संस्थानों के साथ संवाद और तालमेल बनाकर सहयोग प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं.

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शिकायतों का प्रभावी निस्तारण किया जाए

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली से सम्बन्धित महानगरों में सुचारु ट्रैफिक के लिए नियोजित ढंग से कार्यवाई की जाए. पुलिस कमिश्नरेट एरिया में फायर फाइटिंग के आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं. स्थानीय विकास प्राधिकरण इस कार्य में सहयोग करें. सीएम हेल्पलाइन एवं जन सुनवाई के तहत दर्ज शिकायतों का प्रभावी निस्तारण किया जाए. शिकायतों के निस्तारण में शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही मानक होनी चाहिए.

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