कानपुर. लैब टेक्नीशियन संजीत यादव अपहरण हत्याकांड में तत्कालीन एसपी साउथ आईपीएस अपर्णा विभागीय जांच में दोषी पाई गईं हैं. जांच अफसर ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है. अब शासन अपने स्तर से जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेगा.

सीबीआई ने साल 2020 में कानपुर में एक लैब टेक्नीशियन के अपहरण और संदिग्ध हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी. सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, संजीत यादव 22 जून, 2020 को सुबह करीब 8 बजे अपने कानपुर स्थित आवास से धनवंतरी अस्पताल में काम करने के लिए निकले थे, लेकिन कभी घर नहीं लौटे. परिवार ने तब मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसकी सिफारिश के परिणामस्वरूप मामले की जांच सीबीआई कर रही थी.

जांच के फलस्वरूप अब यह खबर आ रही है कि एसपी रेल, मुरादाबाद अपर्णा गुप्ता संजीत अपहरण में लापरवाही बरतने के मामले में दोषी साबित हुई हैं. मामले की जांच एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कर रहे थे जिनकी जांच रिपोट में अपर्णा गुप्ता दोषी साबित हुई हैं. एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता पर आरोप था कि उन्होंने अपहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था, लेकिन अपहरणकर्ताओं ने चालाकी दिखाई और 30 लाख की फिरौती लेकर फरार हो गए थे. मृतक के परिजनों ने भी एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता पर लापरवाही का आरोप लगाया था और इन सबके के पीछे की वजह भी अपर्णा गुप्ता को बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी क्योंकि उन्होंने फिरौती की रकम पुलिस को दिया था.

यूपी सरकार द्वारा अगस्त, 2020 में कानपुर में 27 वर्षीय लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण और हत्या की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के एक साल बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले में प्राथमिकी दर्ज की और जांच शुरू कर दी. इस पूरे मामले में मृतक के परिजनों ने तत्कालीन आईपीएस अधिकारी अपर्णा गुप्ता पर जांच में लापरवाही करने के आरोप लगाए थे जिसके बाद आईपीएस अधिकारी समेत चार अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था.