बस्ती. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस और सपा पर जमकर निशाना साधा. कहा कांग्रेस और सपा दोनों मौका परस्त हैं. बसपा प्रमुख मायावती गुरुवार को राजकीय इंटर कालेज के मैदान में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित कर रही थीं.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सपा दोनों मौका परस्त हैं. कांग्रेस की गलत नीतियों की सजा जनता आज भी भुगत रही है. कांग्रेस से यूपी के लोग दुखी हैं. भाजपा सरकार में जाति और धर्म को बढ़ावा मिला. अपराध बढ़े हैं. दलित सुरक्षित नहीं रहा. बेरोजगारी बढ़ी है. सरकारी नौकरियों के अवसर खत्म कर निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसमें भी आरक्षण व्यवस्था का पालन कराने में सरकार अफसल रही. उन्होंने कहा कि दलितों को गुमराह करने के लिए दुष्प्रचार किया जा रहा है. बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है यह किसी की ए और बी टीम नहीं है. सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय की तर्ज पर चलने वाली यह पार्टी सभी जाति, धर्म एवं वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलती है. भाजपा की नीतियां जातिवादी और पूंजीवादी हैं तो सपा एक वर्ग विशेष को लेकर चलती है.

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सपा, कांग्रेस और भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र पर चुटकी लेते हुए कहा कि बसपा चुनाव में घोषणा पत्र नहीं जारी करती है. हमारी पार्टी कहने की बजाय करने में विश्वास करते हैं. चार बार मुख्यमंत्री रहते हुए कार्य करके इसे दिखाया है. कानून व्यवस्था के साथ ही विकास के नए कीर्तिमान बनाए हैं. हमारे ही कार्यों के नाम और स्वरूप बदलकर सपा और भाजपा भुनाने में लगी है. उन्होंने कहा कि यूपी से मजदूरों को बड़े स्तर पर पलायन हुआ. हमारी सरकार थी तो गरीबों और मजदूरों को पूरा सम्मान मिला. कानून का राज था. हमारी सरकार बनी तो सुरक्षा और रोजगार के प्रबंध करेंगे. जाति और धर्म के आधार पर प्रमोशन और उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा. राजनीतिक द्वेषवश बड़ी संख्या में धरना प्रदर्शन में शामिल होने पर मनोबल तोड़ने के लिए मुकदमें दर्ज कर परेशान किया गया. हमारी सरकार बनने पर इसकी जांच कराई जाएगी और निर्दोष फंसे लोगों से मुकदमे वापस लिए जाएंगे.

मायावती ने कहा कि बसपा की सरकार बनी तो पुरानी पेंशन को लागू किया जाएगा. समाज के लोगों को सावधान करते हुए कहा कि प्रभावित करने के लिए साम, दाम, दंड, भेद का सहारा तो लिया ही जा रहा है. बनावटी ओपिनियन पोल के जरिए लोगों का ध्यान भी भटकाया जा रहा है. इन सबसे बचते हुए तीन मार्च को सारा काम छोड़कर पहले मतदान करें. साथ ही यह भी ध्यान दें कोई वोट देने से छूटने न पाए.