रायपुर। विधानसभा की कमेटी टैबलेट खरीदी की जांच करेगी. स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने सदन में इस बात की घोषणा की. विधायक लखेश्वर बघेल ने स्कूलों में बायोमेट्रिक टैबलेट से हाजिरी का मामला उठाते हुए इस पर खर्च की गई राशि के साथ वर्तमान में संचालित टैब की जानकारी मांगी थी.

शिक्षामंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने विधायक के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि वर्तमान में महज 7 टैबलेट ही उपयोगी हैं, और 636 टैबलेट अनुपयोगी हैं. खराब टैबलेट का सुधार शाला अनुदान निधि से किया जा सकता है. अनुपयोगी टैबलेट सुधार योग्य नहीं है, टैबलेट खरीदी में
1 करोड़ 41 लाख रुपए खर्च किये गए थे.

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने पूछा एक टेबलेट कितने का पड़ता है. शिक्षामंत्री ने जवाब दिया कि एक टैबलेट 11 हजार 682 का है, और 3 साल तक रिपेयर की बात कही गई है. विधानसभा अध्यक्ष ने फिर पूछा कि ये कहां से खरीदे जाते हैं रायपुर से आते हैं, या दिल्ली से आते हैं? इस पर मंत्री ने बताया कि चिप्स से खरीदी हुई थी.

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विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर कहा कि यह बच्चों के साथ धोखा है. पूरे मामले की जांच करते हुए कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने के निर्देश दिये. वहीं
विधायक लखेश्वर बघेल ने विधानसभा से कमेटी बनाकर जांच कराने की मांग की. स्कूल शिक्षामंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा परिस्थितियां जांच कराने लायक हैं. एक भी टैबलेट रिपेयर लायक नहीं है. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने जाँच का ऐलान किया.

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