निमिष तिवारी, बागबहरा.  इन दिनों आसमान आग उगल रहा है. पूरे प्रदेश भीषण गर्मी की चपेट में है. जिसके कारण गांवों में नदिया नाले,तालाब पूरी तरह सूख चुके हैं. पिछले 2 माह से तालाब पूरी तरह सूख चुका है. दरअसल पूरा मामला जिले के बागबाहरा ब्लॉक के साल्हेभांठा पंचायत के आश्रित गांव बैगा खम्हरिया का है.

इस गांव के लोग तालाब सूखने से इतने परेशान थे कि इन्होंने वो करने का ठान लिया. तालाब सूखने की जानकारी कई बार ग्रामीणों ने प्रशासन को दी पर जब किसी ने इनकी नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने ही खुद तालाब खोदने का ठान लिया और एक सप्ताह में ही तालाब खोद डाला और उसमें लबालब पानी भी भर दिया. जो आम तौर पर वर्षा के देव इंद्र ही कर सकते थे.

पौने एकड़ है तालाब का क्षेत्रफल

इस काम के लिए ग्रामीणों ने सबसे सहयोग राशि इकट्ठा किया, फिर गांव के प्रत्येक परिवार के एक महिला एवं पुरुष ने श्रमदान दिया. साथ ही गांव के किसानों ने अपने ट्यूबवेल से पानी दिया जिससे सिर्फ चार दिन में ही तालाब में लबालब पानी भर गया है. इसके साथ हाी ग्रामीणों ने “जहां चाह वहां राह” की कहावत को सच कर दिया. ग्रामीणों के अनुसार शासकीय भूमि पर खोदे गये इस तालाब का क्षेत्रफल करीब पौन एकड़ है. और इसकी गहराई सात फुट है. नये तालाब ने ग्रामीणों की निस्तारी की समस्या को पूरी तरह से दूर कर दिया है और ग्रामीणों की एकजुटता की नई मिसाल कायम की है.

आग लगाने वाली गर्माी में किया 

400 की आबादी वाले इस गांव के ग्रामीणो ने समस्या को लेकर कई बार सरपंच से लेकर जनपद तक गुहार लगाई थी. यहां तक कि कई समस्या निवारण शिविरों में भी आवेदन दिया था. पर जब समय रहते किसी ने इनकी पुकार नहीं सुनी तब ग्रामीणों ने खुद ही इस समस्या से दो-दो हाथ कर लिया.

आपको बता दें कि प्रदेश में इन दोनों झुलसा देने वाली गर्मी पड़ रही है. जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस मौसम में ग्रामीणों को पानी काी आवश्यकता कितनी होगी. शायद हसी परेशानी का परिणाम रहा कि ग्रामीणों ने इस आग लगा देने वाली गर्मी में वो कर दिखाया जो किसी के लिए भी पहाड़ तोड़ने से कम नहीं है.