इमरान खान, खण्डवा। जिले के पुनासा को नगर परिषद बनाए जाने की प्रक्रिया प्रशासन ने शुरू कर दी है। वहीं परिषद में शामिल होने से दो गांवों के ग्रामीणों ने मना कर दिया है। गांवों को नगर परिषद में शामिल करने के विरोध में 2 गांव के ग्रामीण उतर आए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव को नगर परिषद में मिलाने से उनके पंचायती राज के सारे अधिकार खत्म हो जाएंगे। गुरुवार को कलेक्टर से मिलकर गांव को नगर परिषद में नहीं शामिल करने की मांग की।

ग्राम पंचायत दामखेड़ा और दौलतपुरा के ग्रामीण कांग्रेस नेता उत्तम पाल सिंह के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। ग्रामीणों ने अपनी ग्राम पंचायतों को पुनासा में नहीं शामिल करने की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि नगर परिषद बन जाने से वो भारी भरकम टैक्स नहीं भर पाएंगे।

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सीएम ने पुनासा को नगर परिषद बनाने की थी घोषणा
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मांधाता उपचुनाव के दौरान पुनासा को नगर परिषद बनाने की घोषणा की थी। इसे लेकर जिला प्रशासन ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसका अब विरोध भी शुरू हो गया है।

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ग्रामीणों को भारी भरकम टैक्स का डर
ग्रामीणों को डर है कि नगर परिषद बनने के बाद उनके पंचायती राज के अधिकार उनसे छिन लिए डाएंगे। उन्हें गांव में ही मेहनत मजदूरी करने का अवसर नहीं मिलेगा। ₹200 बिजली का बिल भरना इन ग्रामीणों के मुश्किल है। ऐसे में नगर परिषद बनाए जाने के बाद ग्रामीण एक्स्ट्रा टैक्स कहां से भरेंगे। अगर ना पुनासा को यह तो गांव छोड़ कर नगर परिषद बनाए जाए तो हमें कोई एतराज नहीं। अगर इन 2 गांवों को शामिल कर कर नगर परिषद बनाया जाता है तो हम इसका विरोध करेंगे।

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