रवि गोयल, जांजगीर. विधानसभा क्षेत्र मड़वा गांव के ग्रामीणों ने एकजुट होकर मतदान का बहिष्कार कर दिया है. प्रदेश भर में जहां दूसरे चरण के लिए आज मतदान किया जा रहा है. वहीं मड़वा गांव के ग्रामीणों ने सरकार के कार्यों से नाराज होकर मतदान केंद्र में नहीं जाने का फैसला लिया. मिली जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के द्वारा हमारी जमीनों पर कब्जा कर लिया गया है. सरकार ने जमीन के बदले सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. जो कि सरकार के द्वारा ग्रामीणों को किए गए वादा के अनुरुप काम नहीं किया गया. जिसके बाद सभी ग्रामीणों ने ऐसा कदम उठाया.

मतदान केंद्र के बाहर इंतजार करते रहे मतदान कर्मचारी

सरकार के वादा खिलाफी से नाराज ग्रामीणों के इंतजार में मतदान दल के कर्मचारी इंतजार करते रहे. जब कोई ग्रामीण मतदान करने नहीं पहुंचां तो सभी मतकर्मी केंद्र के बाहर आ कर बैंठ गए.

पावर प्लांट के लिए अधिग्रहित की गई थी जमीन 

मड़वा में करीब 1500 मतदाता है. जो कि सरकार के किए गए वादा से खफा होकर मतदान नहीं किया. मिली जानकारी के मुताबिक मड़वा में पावर प्लांट स्थापित करने के लिए शासन के द्वारा ग्रामीणों से जमीन अधिग्रहित की गई थी. साथ ही स्थानीय विधायक के द्वारा ग्रामीणों का झांसा दिलाते हुए नौकरी का वादा किया था.

तिल्दा नेवरा में भी ग्रामीणों ने किया मतदान बहिष्कार, अधिकारियों के आश्वसन के बाद शुरु किया मतदान

रमेश बत्रा, तिल्दा नेवरा. ग्राम सकलोर में अल्ट्राटेक हिरमी संयंत्र प्रबंधन द्वारा ग्राम के गोठान चारागाह एवं शासकीय बांध में कब्जा कर लिए जाने के विरोध में विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था. ग्राम के दोनों पोलिंग बूथों में 11:30 बजे तक एक भी मत नहीं पड़ पाया था. परंतु लगभग 11:45 बजे 2 3 4 और 5 वार्ड के मतदाताओं ने बहिष्कार के निर्णय को ध्वस्त करते हुए बूथ क्रमांक 289 में वोट डालना प्रारंभ कर दिया.

जबकि बूथ क्रमांक 290 मैं एक भी मतदाताओं ने वोट नहीं डाला इस बीच गांव पहुंचे एसडीएम डीआर रात्रे ने लोगों को वोट डालने के लिए मनाने का प्रयास किया. बहिष्कार करने वाले उपसरपंच डागेश्वर वर्मा व पंच रामकुमार वर्मा आदि ने बताया कि संयंत्र निर्माण के दौरान भारत जन आंदोलन  के नेता और संयंत्र प्रबंधन के बीच उक्त जनहित उपयोग वाली भूमि तो गांव के पास ही रहने का फैसला हुआ था.

मगर 2016 17 में प्रबंधन द्वारा उक्त भूमि पर कब्जा कर लिया गया जिससे पिछले 2 सालों से गांव अकाल के चपेट में है नाराज ग्रामीणों को मनाने 15 दिन पहले s.d.m. डीआर रात्रे आए थे. 19 नवंबर को सांसद रमेश बैस ने भी मनाने का प्रयास किया एसडीएम डीआर रात्रे ने चुनाव के दिन भी ग्रामीणों से मतदान करने की अपील की परंतु उनका कहना था. प्रबंधन ने 30 साल बाद उक्त भूमि पर कब्जा किया है हमारे द्वारा सुराज अभियान एसडीएम कलेक्टर जनदर्शन पूर्व विधायक सांसद विधायक आदि लोगों के पास गुहार लगाया गया परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई.