वैभव बेमेतरिहा की खास रिपोर्ट- असम चुनाव को अगर आज की स्थिति में देखें तो यह कह पाना बहुत कठिन है कि सरकार किसकी बनेगी ? क्योंकि दो महीने पहले तक असम में भाजपा जहां असानी से सत्ता में वापसी करती नजर आ रही थी. अब वहीं भाजपा को कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल रही है. स्थानीय मीडिया के वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि भाजपा के लिए राह असान नहीं. क्योंकि कांग्रेस ने व्यापक जन माहौल बना दिया है. ग्रामीण मतदाताओं और शहरी व्यापारियों का भी मत है कि बिना जोड़-तोड़ के भाजपा की सरकार नहीं बन पाएगी.

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हमने इसी गणित को समझने के लिए गुवाहाटी शहर के कई स्थानों पर बातचीत की. कामाख्या मंदिर में पंडितों और दुकानदारों के साथ, पलटन बाजार के व्यापारियों के साथ बात की. साथ नालबरी, बरपेटा और शेंगा जिला के ग्रामीण मतादाताओं से उनकी राय जानी. साथ ही हमने असम के बेहद ही प्रतिष्ठित अखबार के संपादक रविशंकर रवि से भी बातचीत की.

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चुनाव यात्रा के दौरान हम सबसे पहले मां कामाख्या मंदिर के दर्शन करने पहुंचे तो यहां मंदिर परिसर में मौजूद पंडितों से बातचीत की शुरुआत की. पंडितों का कहना था कि गुवाहाटी शहर में भाजपा जीत रही है, ग्रामीणों का नहीं कह सकते हैं. ज्यादातर बोले हम तो बीजेपी के साथ हैं. मंदिर परिसर में ही कुछ दुकानदारों का भी हमने मन टटोला. एक दुकानदार ने कहा हम तो हिंदू हैं, भाजपा को वोट देंगे. लेकिन वहीं मौजूद एक भक्त ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम नहीं चलेगा, न ही धन-बल चलेगा. हालांकि उनकी बातों में सत्ता के प्रति गुस्सा अधिक और विश्वास कम दिख रहा था.

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कामाख्या देवी के दर्शन के बाद शाम के वक़्त हम दिसपुर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का रोड शो कवर करने पहुंचे. करीब 4 किलोमीटर लंबे रोड शो में गाड़ियों का काफिला, महिलाओं की भीड़, कुछ उत्साही किशोर-युवाओं की भीड़ झंडे-बैनर के साथ नारे लगाते दिखें. हालांकि यह भीड़ एक तरह मतदान से पहले जन माहौल बनाने और शक्ति-प्रदर्शन का हिस्सा था. जिसमें कांग्रेस सफल नज़र आई. रोड शो के बाद हमारी मुलाकत कांग्रेस के कुछ रणनीतिकारों से हुई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस महागठबंधन की सरकार बन रही है. भाजपा अब कुछ नहीं कर पाएगी. हालांकि इसी दौरान कुछ ऐसे नेता भी मिले जिन्होंने कहा कि मुकाबला कड़ा है. अंतिम चरण के मतदान में 40 सीटें हैं, थोड़ा इंतजार करना होगा.

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यात्रा के दूसरे दिन हम ब्रम्हापुत्र नदी के किनारे पहुंचे. यहां के फुटकर दुकानदारों से हमने बात की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले ज्यादा मजबूत दिख रही है, लेकिन यहां तो जीतेगी बीजेपी. संघर्ष कड़ा तो है. यहां से फिर हम ग्रामीण क्षेत्रों की ओर निकल पड़े. हमने सफर के दौरान वाहन चालक से भी चुनावी माहौल को समझने की कोशिश की. उसने बताया कि भाजपा की ही सरकार बन रही ऐसा नहीं कह सकते. हम लोग देख रहे हैं कि कांग्रेस में चुनावी माहौल बना दिया है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की टीम यहां काम कर रही है. इसकी जानकारी स्थानीय स्तर पर है. वह रास्ते में बताते रहा कि इस इलाके में बीजेपी, इस इलाके कांग्रेस की पकड़ है. उसने यह भी कहा कि कुछ एक जगहों पर असम जाति परिषद ने भी माहौल बनाया हुआ है.

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यात्रा के दूसरे पड़ाव पर पहुंचे नालबरी

यात्रा के दूसरे पड़ाव पर हम नालबरी पहुंच गए थे. सफर के दौरान ही हमने देखा कि एक साथ कई चुनावी रैलियां सड़क पर हैं. भाजपा, कांग्रेस और एजेपी की रैली हमें दिखाई दी. रैली में शामिल लोगों का उत्साह गजब का था. तीन स्थानों पर हमें 3-3 किलोमीटर लंबा जाम मिला. इस जाम से निकलने में करीब 3 जाम में फंसे रहे. कड़ी धूप के बावजूद चुनावी रैलियों में खेला होबे गाने के बीच डीजे की धूम लोग नाचते मिले. इस रैली में सभी उम्र के लोग मौजूद थे.

भाजपा में खेला होबे…

नालबरी पहुंचने के बाद हम कुछ देर के लिए रुके. वहां कुछ ग्रामीणों से बात की. ग्रामीणों का कहना था कि इस इलाके में कांग्रेस मजबूत है. कुछ इसी तरह के जवाब, हाजो से भी मिला. बरपेटा में हमने एक जगह देखा की कांग्रेस की बड़ी चुनावी सभा हो रही है. हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हुए हैं. हमने गाड़ी रोक ली. सभा से लौट रहे लोग से हमने सवाल क्या फिर सर्वानंद की सरकार बन रही है ? क्या भाजपा जीत रही है ? लोगों को हिंदी समझने में कुछ दिक्कत हो रही थी. लेकिन वे चुनावी माहौल को भी बखूबी समझ रहे थे. हमारे उस सवाल को भी समझ गए थे जो हमने पूछे थे. स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकार तो इस बार कांग्रेस की बनेगी. भाजपा में खेला होबे.

भूपेश बघेल  के कई चुनावी सभाओं में था जबरदस्त माहौल

बरपेटा के बाद हम शेंगा के बोहरी पहुंचे. बोहरी में भूपेश बघेल की सभा थी. में यह मुख्यमंत्री बघेल की अंतिम चुनावी सभा थी. बड़ी संख्या में लोग भूपेश बघेल को सुनने पहुंचे थे. मुख्यमंत्री ने सभा को संबोधित किया और फिर कांग्रेस को जीताने की अपील के साथ उड़ गए हैं. बोहरी का इलाका कांग्रेस का गढ़ माना जाता है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां से कांग्रेस ही जीतती है. इस बार यहाँ से कांग्रेस की जीतेगी. बोहरी में सभा स्थल पर मौजूद लोगों के साथ हमने कई दुकानदारों, कर्मचारियों और महिलाओं से भी बात की. ज्यादातर लोग यहां पर कांग्रेस की जीत का दावा कर रहे थे. लोगों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की टीम ने यहां बहुत मेहनत किया है. भूपेश बघेल  के कई चुनावी सभाओं ने यहां जबरदस्त माहौल बना दिया है.

बीजेपी की सत्ता में वापसी मुश्किल !

शेंगा से लौटते ही हम सीधे पलटन बाजार पहुंचे. यहां बड़ी संख्या में यूपी-बिहार के लोग दुकानदारी करते हैं. वहीं कुछ राजस्थानी और गुजराती व्यापारी भी हैं, जो दो-तीन पीड़ियों से यहां पर व्यापार कर रहे हैं. इसके साथ बहुत से असमिया व्यापारी भी हैं. इनमें से 15-20 से फूटकर और थोक व्यापारियों से हमारी बात हुई. सबने यह माना कि असम में इस बार मुकाबला बहुत ही कड़ा है. हालांकि यूपी-बिहारी के व्यापारियों का कहना था कि बीजेपी ही जीतेगी. लेकिन असमिया व्यापारी यह कहते मिले कि बीजेपी की सत्ता में वापसी मुश्किल है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस की टीम ने भूपेश बघेल के नेतृत्व में जो रणनीतिक काम किया है उसका असर दिखा है. बीजेपी को कांग्रेस ने कड़ी चुनौती दी है. कुछ असमिया व्यापारी ऐसे भी मिले, जिन्होंने कहा कि अगर कोई गड़बड़ी नहीं हुई तो सरकार कांग्रेस बना सकती है.

कौन सी पार्टी कहां अटक जाएगी ?

यह वह जानकारी थी जो हमने असम दौरे के दौरान जुटाई है. वही जानकारी हमने आपसे साझा की है. 2 मई को जब परिणाम सामने आएगा तब पता चलेगा कि जो बाते आम मतदाताओं और व्यापारियों ने कही वह किस हद तक सही है. देखना होगा कि परिणाम के बाद का क्या समीकरण होगा ? किस दल को कितना नंबर मिलता है ? कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी ? कौन सी पार्टी कहाँ अटक जाएगी ?

फिलहाल अंत में 2016 का आँकड़ा क्या रहा वह जान लीजिए-

दल का नाम सीटें
इंडियन नेशनल कांग्रेस 26
भारतीय जनता पार्टी 60
असम गण परिषद 14
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट 13
बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट 12
निर्दलीय 1
कुल 126

 

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