चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग। नशा कैसे किसी को इंसान से शैतान बना देता है, अगर यह जानना है तो आप उन परिवारों से मिलिये जो नशे की वजह से या तो उजड़ गए हैं या फिर बर्बादी की कगार पर खड़े हैं. नशे की वजह से न सिर्फ परिवार की सुख शांति छिन जाती है बल्कि उसका बुरा असर छोटे बच्चों के मन और मस्तिष्क पर भी पड़ता है. यहां तक की देश में होने वाले हिंसक अपराधों के पीछे भी सबसे बड़ी वजह नशे के रुप में निकलकर सामने आते रहती है.

ऐसे ही टूटते-बिखरते परिवारों को बचाने और छात्र जीवन से ही नशे के खिलाफ छात्रों को संकल्प दिलाने का काम दुर्ग पुलिस और कुछ सामाजिक संगठन मिलकर कर रहे हैं. जहां दुर्ग पुलिस लोगों से कह रही है “जियो खुलकर”. नशा मुक्ति के खिलाफ दुर्ग पुलिस के अभियान “जियो खुलकर” के तहत कलेक्टर अंकित आनंद से लेकर एसएसपी अजय यादव और आईजी विवेकानंद सिन्हा आदित्य नगर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचे. जहां स्कूली छात्रों को नशे को लेकर अधिकारियों ने जागरुक किया.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव द्वारा बच्चों से पूछा गया कि पुलिस कितने बच्चें बनना चाहते हैं, तो सभी बच्चों ने अपने हाथ उठाकर पुलिस बनने के लिए अपनी सहमति प्रकट की. तब एसएसपी ने उन्हें कहा, “अगर पुलिस बनना चाहते हो तो ना केवल आपको मानसिक रूप से तैयार होना पड़ेगा, अपितु शारीरिक रूप से भी मजबूत बनना पड़ेगा. यह तभी हो सकता है जब आप नशे जैसे नकारात्मक चीजों से दूर रहें.” दुर्ग कलेक्टर अंकित आनंद ने भी बच्चों को नशा मुक्ति हेतु जिला प्रशासन द्वारा विशेष रणनीति बनाने की बात कही, साथ ही जियो खुलकर की हेल्पलाइन के सार्थक प्रयोग के बारे में बताया.

कार्यक्रम के दौरान ऐसे ही एक परिवार की पीड़ित बच्ची ने अधिकारियों के सामने अपनी आप बीती सुनाई. कक्षा नवमी में पढ़ने वाली इस बच्ची ने कहा, “मेरे पिताजी नशे के आदी है, जब वह नशा नहीं करते तो बहुत अच्छे रहते हैं, परंतु नशा करने के पश्चात वह बहुत बुरे बन जाते हैं.” नशे की वजह से पीड़ित परिवार के इस दर्द को बयां करती हुई छात्रा रो पड़ी. जब रोते हुए उसने ये चंद लाइनें बोलीं तो कुछ पल के लिए हॉल में खामोशी छा गई. वहां उपस्थित जियो खुलकर की टीम ने बच्ची को भरोसा दिलाया कि, उनकी टीम उनके घर जाएगी, और उनके पिताजी को नशे से दूर रखने हेतु आवश्यक चिकित्सा उपलब्ध कराएगी.

वहां उपस्थित आध्यात्मिक संस्थाओं जैसे ब्रह्म कुमारी और गायत्री परिवार के सदस्यों के द्वारा बताया गया कि कैसे नशे के आदी व्यक्ति को नशा मुक्ति की ओर ले जाया जा सकता है. सीएसपी ऑफिस दुर्ग परिसर में स्थापित जियो खुलकर नशा मुक्ति परामर्श केंद्र के बारे में बताया गया जहां पर जाकर लोग नशा मुक्ति हेतु परामर्श एवम उपचार प्राप्त कर सकते है.

आपको बता दें दुर्ग पुलिस के इस अभियान जियो खुलकर का नेतृत्व दुर्ग सीएसपी विवेक शुक्ला कर रहे हैं. उनके साथ गायत्री परिवार और ब्रम्ह कुमारी जैसी सामाजिक संस्थाएं नशे के खिलाफ स्कूल और कॉलेजों में जाकर छात्र-छात्राओं को नशे को लेकर जागरुक कर रहे हैं और इसके दुष्परिणाम से अवगत भी करा रहे हैं. इसके साथ ही दुर्ग पुलिस ने नशे के सौदागरों के खिलाफ भी लगातार अभियान जारी है. दुर्ग पुलिस तमाम तरह के नशों पर शिकंजा कसने के लिए छापामार कार्रवाई कर रही है. पिछले कुछ महीने में दुर्ग पुलिस मेडिकल स्टोर्स संचालकों को अवैध रुप से नशीली दवाईयां बेचते किया गया और दवाईयों का जखीरा बरामद किया गया है.

आज के कार्यक्रम में अन्य अतिथियों में शामिल दुर्ग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण लखन पटेल, डीएसपी प्रवीर तिवारी, CSP दुर्ग विवेक शुक्ला, ट्रैफिक डीएसपी गुरजीत सिंह, प्रशिक्षु डीएसपी चित्रा वर्मा, थाना प्रभारी मोहन नगर नरेश पटेल समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक डीपी ठाकुर समस्त शिक्षक गण, एवम कल्याणी संस्था से अजय कल्याणी, गायत्री परिवार से पी एल साव एवम साहूजी, ब्रम्हाकुमारी से बेनी भाई, आनंद मार्ग से आचार्य जी तथा थाना स्टाफ उपस्थित थे.