नई दिल्ली। भारत में अपनी मेहनत से स्वास्थ्य सेवा को घर-घर तक पहुंचाने का काम कर रही 10 लाख आशा स्वयंसेवियों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड से सम्मानित किया है. आशा वर्कर्स की इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी बधाई दी है.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने रविवार को वैश्विक स्वास्थ्य, बढ़ाने, नेतृत्व का प्रदर्शन करने और क्षेत्रीय स्वास्थ्य के मुद्दों पर प्रतिबद्धता को लेकर उल्लेखनीय योगदानों को पहचान देने के लिए रविवार को छह अवार्ड का ऐलान किया. यह समारोह 75वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के उद्घाटन सत्र का हिस्सा था. इस दौरान डॉ. टेड्रोस ने कहा कि आशा स्वयंसेवियों ने मातृत्व सेवा और बच्चों के लिए टीकाकरण के क्षेत्र में भी अहम काम किया है. इसके अलावा उन्होंने भारत में सामुदायिक हेल्थकेयर को बेहतर करने में, तनाव और टीबी के लिए इलाज और पोषण के साथ साफ-सफाई व स्वस्थ जीवन को लेकर भी उल्लेखनीय योगदान दिया है.

बता दें कि मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता अथवा आशा वॉलंटियर भारतीय सरकार से संबद्ध हेल्थकेयर कर्मचारी होती हैं, जो ग्रामीण भारत में संपर्क का पहला बिंदु हैं. इनमें से कई का नाम देश में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चरम के दौरान घर-घर जाकर इस महामारी के मरीजों की पहचान करने के लिए चर्चा में आया था. आशा कार्यकर्ताओं की इस उपलब्धि का बखान पीएम मोदी ने जापान में भारतीय प्रवासियों के साथ चर्चा में भी किया.

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