रायपुर. 50% से ज्यादा युवा आबादी वाला भारत आरामतलब हो रहा है. भारतीय लोग शारीरिक रूप से चीन, पाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार के लोगों से भी कम एक्टिव हैं. ये नतीजा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की हालिया रिपोर्ट से निकला है.

रिपोर्ट के मुताबिक- देश के 34% लोग इनसफिशिएन्ट फिजिकली एक्टिव (शारीरिक रूप से बेहद कम सक्रिय) हैं. इससे पहले 2001 में ऐसा अध्ययन किया गया था. तब भारत के 32% लोग इनसफिशिएन्ट फिजिकली एक्टिव थे. फिर डब्ल्यूएचओ ने अगले अध्ययन के लिए 15 साल डेटा इकट्‌ठा किए. 2016 में हिसाब किया गया तो भारत के आलसी लोगों की संख्या घटने की बजाय उल्टा 2% बढ़ गई. डब्ल्यूएचओ ने दुनिया भर के लोगों की फिजिकल एक्टिविटी जानने के लिए 168 देशों के करीब 19 लाख लोगों पर अध्ययन किया. इनमें भारत के करीब 77 हजार लोग शामिल थे. अध्ययन में भारत को 168 देशों में 52वां स्थान मिला. डब्ल्यूएचओ के इस स्टडी को लैनसेट ने जारी किया है.

शारीरिक रूप से कम एक्टिव होने की वजह से दुनिया की करीब डेढ़ करोड़ युवा आबादी पर 6 तरह की बीमारियों का खतरा है. इनमें कार्डियोवेस्कुलर डिसीज, हाइपरटेंशन, टाइप-2 डायबिटीज, ब्रेस्ट और आंत का कैंसर और डिमेंशिया जैसी बीमारियां शामिल हैं. भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाएं और भी कम एक्टिव हैं. 24.7% पुरुष तो 43.3% महिलाएं कम एक्टिव हैं. भारत में मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित कई और राज्यों के लोगों को इस अध्ययन में शामिल किया गया.

2001 से अब तक दुनिया में नहीं बढ़ी फिजिकल एक्टिविटी : डब्ल्यूएचओ का कहना है कि- ‘हमने 2025 तक दुनियाभर की फिजिकल एक्टिविटी को 10% और 2030 तक 15% बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है. लेकिन फिलहाल जो स्तर दिख रहा है, उससे ये लक्ष्य पूरा होना मुश्किल नजर आ रहा है. कुछ देशों को छोड़कर 2001 के बाद से दुनिया के लोगों की फिजिकल एक्टिविटी का स्तर ज्यों का त्यों है. इसमें कोई इजाफा नहीं हुआ.’

कुवैत के लोग सबसे आलसी, युगांडा के सबसे एक्टिव : कुवैत के सबसे ज्यादा 67% लोग फिजिकली इनएक्टिव हैं. इसके बाद अमेरिकन समोआ (53.4%, सऊदी अरब (53%) और इराक (52%) का नंबर आता है. वहीं युगांडा में सबसे ज्यादा 94.5% लोग एक्टिव हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि- हफ्ते में 75 से 150 मिनट एक्सरसाइज करना इंसान को शारीरिक तौर पर एक्टिव रखता है.