नई दिल्ली

यदि आप सरकार ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन शॉपिंग प्लैटफॉर्म्स से शॉपिंग करते है और आप को भारी छूट मिलती है, अब अब सरकार जल्द ही ऐसी छूट पर रोक लगा सकती है.

30 जुलाई को सरकार ने ई-कॉमर्स पॉलिसी के ड्राफ्ट को संबंधित पक्षों के समक्ष चर्चा के लिए पेश किया. पॉलिसी के ड्राफ्ट में प्रस्ताव दिया गया है जिसमें भारी छूट को एक निश्चित तारीख के बाद रोक जाना चाहिए ताकि सेक्टर का नियमन किया जा सके. तेजी से ग्रोथ कर रहे ऑनलाइन रिटेल सेक्टर को लेकर यह अपनी तरह का पहला प्रस्ताव है. इस ड्राफ्ट में एक ऐसा विधेयक तैयार किए जाने की बात कही गई है. इसमें फूड डिलिवरी साइट्स जैसे स्विगि और जूमैटो को भी शामिल किए जाने की बात कही है. ऑनलाइन सर्विस ऐग्रिगेटर्स जैसे अर्बन क्लैप और फाइनैंशल सर्विसेज एवं पेमेंट ऐप पेटीएम और पॉलिसीबाजार को भी इसके तहत लाने का प्रस्ताव दिया गया है.
इस विधेयक को लाए जाने को लेकर सरकार के कई मकसद हैं. कंज्यूमर प्रॉटेक्शन और ग्रीवेंस रीड्रेसल, एफडीआई, डेटा की लोकल स्टोरेज, लघु एवं मध्यम उद्योगों के विलय और अधिग्रहण के मसलों की बात भी इसमें कही गई है. आम लोगों से राय लेने के बाद इस विधेयक में बदलाव भी किए जाएंगे. फिलहाल भारत में ई-कॉमर्स का मार्केट 25 अरब डॉलर का है, जबकि अगले दशक में इसके 200 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है.