मनोज यादव, कोरबा। शराबी पति की रोज-रोज की पिटाई से त्रस्त हो कर महिला ने अपने नाबालिग बेटे के साथ हत्या कर ऐसी जगह लाश को ठिकाने लगा दिया, जहां कोई पहुंच ही नहीं सकता था. लेकिन होनी को कौन टाल सकता है. लाश को जिस गाड़ी में ले गए थे, उसके ड्राइवर ने दो साल बाद घटना का राज पुलिस के सामने खोल दिया और मां-बेटे धरे गए.

दो साल पहले हुए अंधे कत्ल का पुलिस अधीक्षक भोजराज पटेल ने प्रेस कांफ्रेंस में खुलासा किया. उन्होंने बताया कि 8 दिसंबर 2019 को पथर्रीपारा निवासी विमल वाल्मिकी की हत्या उसकी पत्नी सुशीला केंवट और नाबालिग पुत्र ने गला दबाकर कर दी थी. मृतक के शराब के नशे में अक्सर की जाने वाली मारपीट से तंग आकर पत्नी ने बेटे के साथ हत्या को अंजाम दिया था.

लाश को ठिकाने लगाने के लिए नाबालिग पुत्र ने ललित कुमार घोसले को फोन कर पिकनिक जाने के नाम से कार को बुक कराया था. घटना की अगली सुबह कार के पहुंचने पर मां-बेटे ने मिलकर चालक को चकमा देकर विमल की लाश चटाई में छिपाकर कार में रख दी. इसके बाद काॅफी पाइंट चले गए.

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काफी पाइंट में ठहरने के दौरान सुशीला ने बहाना बनाकर चालक को गाड़ी से कुछ दूर जाने को कहा. चालक के जाते ही दोनों गाड़ी से लाश बाहर निकाल ही रहे थे कि उसकी नजर पड़ गई और उसने विरोध किया. सुशीला और उसके पुत्र ने जान से मारने की धमकी देते हुए ललित को मुंह बंद करा दिया, और लाश को काॅफी पाइंट में खाई से नीचे फेंक दिया.

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लेकिन उन्हें क्या पता था कि ललित एक दिन अपना मुंह खोल देगा और वो पकड़े जाएंगे. ललित ने 24 जुलाई को पुलिस को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया, जिसके बाद पुलिस ने मौके से मृतक का नरकंकाल बरामद करने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. वारदात के सुलझाने से उत्साहित एसपी ने पुलिस टीम के लिए पांच हजार रुपए ईनाम की भी घोषणा की है.