कहते हैं कि अगर मेहनत करें तो क्या कुछ नहीं पाया जा सकता है ? क्योंकि परिश्रम वो चाबी है, जो किस्मत के दरवाजे खोल देती है. ऐसा ही कुछ संभव हुआ राज्य सरकार की गौठान योजना से. ग्राम मासुल गौठान की महिलाओं ने इस बात को सच साबित कर दिखाया है. गौठान में काम कर रही स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने इस बात को सच साबित कर दिखाया है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गोधन न्याय योजना ने ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने का काम किया है. जिससे महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट और केंचुआ संवर्धन कर, उसकी बिक्री से लाखों रुपये कमा रही हैं. वहीं सामुदायिक बाड़ी की साग-सब्जी की बिक्री, मुर्गीपालन, मसाले की बिक्री से भी हजारों रुपये की आमदनी हो रही है. ये योजना ग्रामीण क्षेत्रों के दूरस्थ ईलाकों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर किसान, पशुपालक, श्रमिक, दिहाड़ी कामकाजी महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का काम कर रही है.

पहले जो महिलाएं गांव में ही रोजी मजदूरी का कार्य करती थी, गोधन न्याय योजना से प्रेरित होकर संगठित हुई और गौठान में विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से जुड़कर अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहयोग कर रही हैं. राजनांदगांव जिले छुरिया विकासखंड के ग्राम मासुल की इंदिरा महिला स्व-सहायता समूह की सभी सदस्यों ने गौठान में कड़ी मेहनत कर न केवल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया है. बल्कि विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से जुड़ी है.

लखपति बन रहीं महिलाएं

समूह की अध्यक्ष देवकुंवर यादव ने बताया कि इंदिरा महिला स्व-सहायता समूह की 11 महिलाएं गरीब और जरूरतमंद परिवार से संबंध रखती हैं. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और कृषि विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन से वर्मी कंपोस्ट निर्माण का प्रशिक्षण मिला और अन्य नवाचारी गतिविधियों की जानकारी मिली. उन्होंने बताया कि वर्मी कंपोस्ट की बिक्री से 2 लाख 75 हजार रुपये की लाभांश राशि प्राप्त हुई. वहीं केंचुआ संवर्धन कर बिक्री से 93 हजार 750 रुपये का मुनाफा हुआ. उन्होंने बताया कि उस राशि से मसाला पीसने की मशीन खरीदकर मसाला तैयार किया जा रहा है और गांव में ही स्थानीय स्तर पर इसकी बिक्री कर रही है, जिससे सालाना 30 से 40 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है.

सशक्त हुई महिलाएं

समूह की महिलाएं मुर्गी पालन से 50 से 60 हजार रुपये कमा चुकी हैं. सामुदायिक बाड़ी से साग-सब्जी उत्पादन कर विक्रय करने से लगभग 84 हजार रुपये की सालाना आमदनी हुई है. देवकुंवर यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना से हजारों महिलाओं को अपने परिवार का भरण-पोषण करने लायक बनाने और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया है.

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