रायपुर। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल में विगत 15 वर्षों से प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से काम कर रहे 43 कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के काम से निकाल दिया गया है. हटाए गए कर्मचारियों ने सोमवार को रैली-प्रदर्शन करने के बाद रायपुर कलेक्टर और एसडीएम को ज्ञापन सौंप नियमितिकरण के साथ इसकी प्रक्रिया पूर्ण होने तक सेवा में बरकरार रखने की मांग की है.

कलेक्टर के सौंपे ज्ञापन में बताया कि मेसर्स कॉल मी सर्विसेस, रायपुर के माध्यम से छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल में सालों से काम कर रहे 43 कर्मचारियों को बीते 6 सितंबर को बिना किसी पूर्व सूचना के एवं बिना कोई नोटिस नौकरी से निकाल दिया गया है. इसके पहले भी लगभग 30 कर्मचारियों को नौकरी से बाहर किया जा चुका है. यही नहीं इस संबंध में पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक से चर्चा करने पर उन्होंने शेष अन्य कर्मचारियों को भी निकाले जाने की बात कही है. कर्मचारियों ने कहा कि बीते 15 सालों से पर्यटन मंडल में सेवा देते हुए अधिकतर कर्मचारियों की आयु सीमा भी पार हो गई है, और वे कहीं भी नौकरी के लिए आवेदन करने योग्य नही रह गये हैं. 

कर्मचारियों ने याद दिलाया कि सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने चुनाव के समय जारी अपनी घोषणा पत्र में किसी भी अनियमित कर्मचारियों को नौकरी से नही निकाले जाने, किसी की भी छटनी नहीं किये जाने और सभी अनियमित कर्मचारियों को नियमित किये जाने कि घोषणा की थी, इसके बावजूद आज सभी अनियमित कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है, जिससे सभी कर्मचारियों के पास आजिविका का संकट उत्पन्न हो गया है और आज हम पूर्ण रूप से बेरोजगार हो गये हैं. कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक निवेदन पत्र देने का आग्रह किया है.