रायपुर। सामान्यतः किसी वैक्सीन या टीके का नाम सुनने पर हमें पोलियो, टीबी या चिकन पॉक्स जैसी बीमारियों से बचाव का ध्यान आता है, क्या हो जब कहा जाए कि एक टीका ऐसा भी होता है जो महिलाओं को सर्विक्स (बच्चेदानी के मुंह) के कैंसर से बचा सकता है, आइये इस विश्व महिला दिवस में जाने इस जानलेवा कैंसर के बारे में…

बालको मेडिकल सेंटर के डॉ अनिमेष चौधरी बताते हैं कि बच्चेदानी के मुंह (सर्वाइकल) कैंसर महिलाओं को होने वाला प्रमुख कैंसर है. भारत मे हर साल लगभग 12 लाख महिलाएं इसकी चपेट में आती हैं, जिनमें से करीब 70 हजार हर साल इससे अपनी जान गंवा बैठती हैं. भारत में सर्वाइकल कैंसर से मरने की संख्या विश्व में सबसे ज्यादा है.

सर्वाइकल कैंसर का कारण क्या है

ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) लगभग हर सर्वाइकल में अपना योगदान देता है. एचपीवी एक वायरसों का समूह है, जो सामान्यतयः शरीर में वार्ट या मस्सों का प्रमुख कारण है, इसमें से एचपीवी टाइप 16 और 18 करीब 70% सर्वाइकल कैंसर का कारण माने गए है, जिसे आप वैक्सीन से रोक सकते हैं.

सर्वाइकल कैंसर के अन्य कारणों में कम उम्र में शादी, एक से अधिक लोगों से शारीरिक संबंध, ज्यादा बार गर्भवती होना, साफ-सफाई का अभाव, कुपोषण भी शामिल है.

कोई भी वैक्सीन तभी ज्यादा कारगर होती है, जब वो इंफेवशन होने से पहले लगाई जाए, इसीलिए इस एचपीवी वैक्सीन को 9-14 वर्ष तक की बच्चियों में लगवाना सबसे असरदार माना जाता है, पर यह आप 9 से 26 साल तक की उम्र तक लगवा सकते हैं. यह वैक्सीन न केवल सर्वाइकल कैंसर को रोकने में सहायक है, बल्कि स्तन कैंसर और मुंह के कैंसर रोकने के लिए भी लाभकारी पायी गई है.

9 से 14 साल के बच्चों को 2 खुराक और उससे ज्यादा उम्र वालों को 3 खुराक की जरूरत होती है. आप इसे लगवाने के लिए अपने डॉक्टर से पूछ सकते है.

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए सही जानकारी और सही समय में वैक्सीन लगवाना दोनों सहायक होते है. इसके अलावा 40 साल के बाद (चाहे आपको टीका लगा हो या न लगा हो) सर्वाइकल कैंसर की प्राथमिक जांच हर महिला को हर साल में एक बार जरूर करवानी चाहिए, जिसके लिए आप अपने नजदीकी अस्पताल में पता कर सकती है.