हरिद्वार। योगगुरू बाबा रामदेव ने अपनी कंपनी पतंजलि के प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन मार्केट में उतार दिया है. उन्होंने इसके लिए ई-रिटेलर कंपनी अमेजन और फ्लिपकार्ट के साथ करार किया है. आज नई दिल्ली में रामदेव और इन कंपनियों के बीच डील हुई. अब ग्राहक पतंजलि के उत्पाद अमेजन, फ्लिपकार्ट, पेटीएम मॉल, ग्रोफर्स और बिगबास्केट समेत अन्य बड़े ऑनलाइन पोर्टल पर मिलेंगे. बाबा रामदेव इन कंपनियों के अलावा शॉपक्लूज और नेटमेड्स के मंच पर भी अपने उत्पाद बेचेंगे.

रामदेव ने रिटेल सेक्टर में FDI का किया विरोध

बाबा रामदेव ने रिटेल सेक्टर में एफडीआई का विरोध किया. वहीं उन्होंने कहा कि पतंजलि महाराष्ट्र में किसानों से संतरे खरीदेगी. उन्होंने कहा कि आने वाले दो सालों में एक लाख करोड़ रु की प्रति सालाना कैपिसिटी तैयार कर रहे हैं. रामदेव ने कहा कि वे और बालकृष्ण दोनों किसान के बेटे हैं.

बाबा रामदेव ने कहा क‍ि अब पतंजलि नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी बनने की तरफ बढ़ेगी. इसके लिए कंपनी आने वाले समय में 1 लाख करोड़ रु की चैरिटी करेगी. उन्होंने कहा कि हम लोगों से दान भी लेंगे.

पतंजलि और होगी मज़बूत

पतंजलि के प्रोडक्ट्स ऑनलाइन उतरने के बाद इसका दायरा और अधिक बढ़ जाएगा. पतंजलि की ई-कॉमर्स साइट www.patanjaliayurved.net के नाम से है. पतंजलि आयुर्वेद के प्रमुख बालकृष्ण ने कहा‍ कि पतंजलि हर दिन 10 लाख से भी ज्यादा ऑर्डर प्रोसेस करने की क्षमता रखती है. उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2016-17 में पतंजलि का टर्नओवर 10,500 करोड़ रु से ज्यादा रहा. इस वित्त वर्ष में पतंजलि का लक्ष्य इस लाभ को दोगुना करना है. इसी के तहत ये नई साझेदारी करने की योजना है.

पतंजलि की खास बातें

पतंजलि की स्थापना योगगुरु बाबा रामदेव के सहयोग से साल 2006 में की गई. पतंजलि शैम्पू, दंतमंजन, दवाईयां, तेल, घी, राशन सब कुछ बनाती है. पतंजलि ने दवाईयों के निर्माण से इसकी शुरुआत की थी. धीरे-धीरे वो बाकी प्रोडक्ट्स भी बनाने लगे. पतंजलि 45 तरह के कॉस्मेटिक्स बनाती है. जिसमें शैंपू, साबुन, लिप बाम, स्किन क्रीम वगैरह हैं. कंपनी 30 अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थ भी बनाती है. पतंजलि की दुकानें देशभर में करीब 4000 हैं. वहीं अब इसने ऑनलाइन मार्केट में भी कदम रख दिया है. पतंजलि पूरी तरह से स्वदेशी चीजों से सामान बनाती है. इसके सामान आयुर्वेदिक होते हैं. इसने स्वदेशी का नारा दिया और एफएमसीजी कंपनियों को कड़ी टक्कर दी.