Road Hypnosis Symptoms : ओडिशा राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने चालकों को सलाह दी है कि लंबी दूरी तय करते समय रोड हिप्नोसिस (सड़क सम्मोहन) से बचें ताकि दुर्घटनाओं की संभावना कम हो सके. सड़क सम्मोहन एक शारीरिक स्थिति है जिसके बारे में ज्यादातर ड्राइवरों को जानकारी नहीं होती है और यह अक्सर रात में होता है.

चालक की आंखें खुली होने के बावजूद भी दिमाग अचेतन अवस्था में चला जाता है. एसटीए ने एक बयान में कहा कि सड़क सम्मोहन से जुड़े हादसे अब एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आए हैं.

रोड हिप्नोसिस या हाईवे हिप्नोसिस क्या है? (Road Hypnosis Symptoms)

एक ही रास्ते पर लगातार ढाई घंटे गाड़ी चलाने के बाद रोड हिप्नोसिस की स्थिति शुरू हो जाती है. इस अवस्था में, हालांकि आंखें खुली होती हैं, मस्तिष्क कुछ भी याद नहीं रख पाता या समझ नहीं पाता है. हाईवे हिप्नोसिस या ड्राइविंग हिप्नोसिस तब होता है जब ड्राइवर ड्राइव करते वक्त भूल जाए कि वह क्या कर रहे हैं. इस बीमारी में अक्सर यह होता है कि व्यक्ति ड्राइव करके के कुछ किलोमीटर चल जाता है और उसे कुछ याद ही नहीं रहता है. दरअसल, इस बीमारी में यह होता है कि ड्राइवर गाड़ी चला रहा है, स्टीयरिंग पर उसका कंट्रोल भी है लेकिन आसपास होने वाली चीजों पर उसका एकदम ध्यान नहीं जाता है.

क्यों खतरनाक हो सकता है हाईवे हिप्नोसिस (Road Hypnosis Symptoms)

हाईवे हिप्नोसिस इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इस दौरान आप दूसरे का एक्सीडेंट कर सकते हैं या आप खुद एक्सीडेंट का शिकार हो सकते हैं. इन सब के अलावा आप दूसरे रास्ते पर भी जा सकते हैं.

हाईवे हिप्नोसिस का कारण

  • लगातार ड्राइव करना
  • नींद पूरी न होना
  • ऐसी सड़के जिसमें गाड़ा चलाने से थकान पैदा होती है. ऐसे में दिमाग ऑटोपायलट मोड पर चला जाता है. हाईवे हिप्नोसिस हो जाता है.

रोड हिप्नोसिस से बचने का तरीका

वह बताते हैं, ‘इस सम्मोहन की स्थिति से बचने के लिए हर ढाई-तीन घंटे ड्राइविंग के पश्चात रुकना चाहिए. चाय-कॉफी पिए, 5-10 मिनिट आराम करें और मन को शांत करें.’ ड्राइविंग के दौरान स्थान विशेष और आते-जाते कुछ वाहनों को याद करते चलें. अगर आप महसूस करें कि पिछले 15 मिनिट का आपको कुछ याद नहीं है, तो इसका मतलब है कि आप खुदको और सहप्रवासियों को मौत के मुंह में ले जा रहे हो.

डॉ. दिनेश दुआ कहते हैं, ‘रोड सम्मोहन अक्सर अचानक रात के समय होता है. जब अन्य यात्री सो या ऊंघ रहे होते हैं. इसलिए बेहद गंभीर दुर्घटना हो सकती है. ड्राइवर को झपकी आ जाए या नींद आ जाए तो दुर्घटना को कोई नहीं रोक सकता. लेकिन आँखें खुली हो तो दिमाग का क्रियाशील होना अतिआवश्यक है. ध्यान रखें, सुरक्षित रहें, सुरक्षित ड्राइविंग करें.