शैलेन्द्र पाठक, बिलासपुर. सीपत क्षेत्र के मटियारी से एक युवक का अपहरण कर हत्या कर दी गई. हत्यारों ने सबूत  मिटाने के लिए कोटा के गनियारी-बेलटुकरी के पास शव को जला दिया. पुलिस ने वारदात के बाद किशोरी समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

मटियारी गांव से रविवार को तड़के युवक का अपहरण होने की सूचना पुलिस को मिली. इससे पुलिस महकमे की नींद उड़ गई. प्रशिक्षु डीएसपी आशा सेन ने इस घटना की सूचना पुलिस अफसरों को दी. इस बीच कंट्रोल रूम से सभी थानों को नाकेबंदी के निर्देश दिये गए. लेकिन अपहरणकर्ताओं का कोई सुराग नहीं मिला. इस बीच सुबह होते तक हत्या की खबर मिलने से पुलिस सकते में आ गई. कोटा के गनियारी-बेलटुकरी के पास सड़क किनारे अनजान युवक की अधजली लाश मिली. शव की तस्वीर मंगाकर पुलिस अफसरों ने तस्दीक की, तब उसकी पहचान गनियारी निवासी अपहृत युवक जयकिशन पिता सुंदरलाल शिकारी (19) के रूप में हुई. आरोपियों ने युवक के शव को जला दिया था. लेकिन हुलिए से उसकी पहचान हो गई.

अपहरण व हत्या की खबर मिलते ही पुलिस अफसरों की टीम को मटियारी के साथ ही गनियारी रवाना किया गया. वहीं अपहरणकर्ता हत्यारों की तलाश के लिए भी टीम जुट गई. तब पता चला कि अपहरण के पहले मटियारी गांव में युवकों ने पथराव किया था. इसके चलते ही युवक का अपहरण कर हत्या की गई है. वारदात में स्कार्पियो के उपयोग किए जाने की खबरे आई. इस बीच पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज बरामद किया, जिसके आधार पर आरोपियों की जानकारी जुटाई गई. पुलिस ने कुछ ही घंटों में आरोपियों की पहचान कर ली. फिर उनकी तलाश कर धरपकड़ अभियान चलाया गया.

पुलिस ने इस मामले में जरहाभाठा मंदिर चौक निवासी कारोबारी पवन, ओमनगर के अजय रात्रे, जरहाभाठा के ही आकाश लास्कर, आनेश लश्कर, अमन रात्रे, अभिषेक रात्रे, लक्ष्मी रात्रे, जय रात्रे, किशोरी व एक किशोर को गिरफ्तार किया गया.

प्रत्यक्षदर्शी से मिली महत्वपूर्ण जानकारी

पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शी अतुल नाम के युवक से पूछताछ की गई. उन्होंने बताया कि करीब 3.30 बजे वह जयकिशन के साथ निकला था. इस बीच स्कार्पियो सवार आधा दर्जन से अधिक युवकों ने जयकिशन को अगवा कर दिया. वह खुद भाग कर अपनी जान बचाई. जांच में यह भी पता चला कि मृतक व उसके साथियों ने अपहरण से ठीक पहले स्कार्पियो में पथराव कर दिया था. इस पर स्कार्पियो सवार युवकों ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ने की कोशिश की. लेकिन युवक भाग निकले. इस बीच युवक गांव के घरों में घुस-घुसकर पथराव करने वालों की तलाश करते रहे. तभी उन्हें जयकिशन व अतुल मिले. अपहरणकर्ताओं ने जयकिशन को पकड़ लिया और अतुल भाग निकला.