खिरेन्द्र यादव, कोण्डागांव। वन अधिकार पत्र के लिए बीते चार सालों में 40 बार आवेदन करने के बाद भी कार्रवाई नहीं होते हुए देख ग्रामीण ने आत्महत्या की चेतावनी तक दे डाली. इसके बाद परिवार समेत आत्महत्या के लिए भी पहुंच गया, लेकिन प्रशासन की कान में जूं तक नहीं रेंगी. आखिरकार लोगों ने उसे आत्महत्या करने से बचाया.

बात हो रही है कोण्डागांव जिला के ब्लॉक फरसगांव के ग्राम कोसागांव निवासी रामलाल की, जो वन अधिकार पत्र एवं आवासी निवासी के लिए बीते चार सालों में 40 बार आवेदन दे चुका है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. इससे व्यथित होकर उसने 13 फरवरी को आत्महत्या करने की चेतावनी देते हुए परिवार सहित कलेक्ट्रेट के सामने आत्महत्या करने के लिए पहुंच भी गया. लेकिन मौके पर न तो कोई अधिकारी आया, न ही कोई कर्मचारी. मौके पर मौजूद जनता कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उसे आत्महत्या करने से रोककर कोंडागांव कोतवाली थाना लाकर सुपुर्द कर दिया.

मीडिया से चर्चा में रामलाल ने बताया कि अपने वन अधिकारी पत्र और आवासी निवासी पत्र पर शासन-प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं जाने से व्यथित होकर मैंने इस तरह से कदम उठाने को मजबूर था. इसके बावजूद शासन के कोई भी कर्मचारी यहां मौजूद नहीं होने से मुझे बहुत पीड़ा महसूस हो रही है.