बीडी शर्मा, दमोह। मध्य प्रदेश में इस बार मानसून कुछ जिलों में था कि बारिश के कारण बाढ़ आ गई. तो कुछ जिलों में बारिश के अभाव में सूखा पड़ गया है. बारिश का अधिकतर सीजन गुजरने के बाद भी दमोह जिले से मानसून रूठा हुआ है. जिसकी वजह से जनता परेशान है. लोग तरह-तरह के उपाय और टोटका कर रहे हैं. दमोह से ही एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो कुप्रथा की बानगी तो हैं ही साथ ही अमानवीयता को भी दर्शाती हैं.
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दरअसल, पूरा मामला जिले के जबेरा ब्लॉक का है. जहां के अमदर ग्राम पंचायत के बनिया गांव में बारिश के लिए छोटी बच्चियों को निर्वस्त्र करके उन्हें मूसल देकर पूरे गांव में घुमाया गया. बच्चियों के साथ ये करने वाला कोई और नहीं बल्कि उनके ही परिवार की महिलाएं, उनकी माताएं और आस पड़ोस के लोग हैं.
ऐसा बताया जा रहा, मान्यता है कि गांव की छोटी छोटी बच्चियों को पूर्ण नग्न कर उनके कंधों पर मूसल रखा जाता है और इस मूसल में मेंढक को बांधा जाता है. बच्चियां पूरे गांव में घूमती हैं और पीछे पीछे महिलाएं भजन कीर्तन करती जाती हैं. रास्ते में पड़ने वाले घरों से ये महिलाएं आटा दाल मांगती हैं और जो राशन जमा होता है उस राशन से गाव के मंदिर में भंडारा होता है.
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स्थानीय मान्यता के मुताबिक बच्चियों के हाथ में मूसल देकर गांव में घुमाने से इंद्र देवता प्रसन्न होंगे और भरपूर बरसात होगी. इसी कुप्रथा को एक बार फिर अंजाम दिया गया और गांव में प्रथा के नाम पर मासूम बच्चियों के साथ ये सलूक भी किया गया.
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बता दें कि मामले में NCPCR ने दमोह कलेक्टर को नोटिस भेजा है. मामले में 10 दिन के अंदर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. NCPCR ने 2005 की धारा 13(1)(j) के अंतर्गत खुद ही इस मामले में संज्ञान लिया है. NCPCR के द्वारा जारी नोटिस में कलेक्टर से नग्न बच्चियों का आयु प्रमाण पत्र, जांच रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज की मांग की गई है.
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