हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में जिला कोर्ट ने फर्जी आईएसएस पदोन्नति पाने वाले संतोष वर्मा की जमानत याचिका खरीज कर दी है. संतोष वर्मा की ओर से कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई थी. कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट का आधार ऐसे लोगों को जमानत देने से न्याय प्रणाली से लोगों का भरोसा कम होगा.

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आपको बता दें राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर रहे संतोष वर्मा के खिलाफ साल 2016 में एक महिला की शिकायत पर इंदौर के लसुड़िया थाने में शादी का झांसा देकर ज्यादती करने का मामला दर्ज किया गया था. चूंकि संतोष वर्मा को राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशानिक सेवा यानी आईएएस (IAS) के पद पर पदोन्नत किया जा रहा था. तब लोक सेवा आयोग ने इनके खिलाफ दर्ज अपराधिक प्रकरण और कोर्ट में लंबित मामलों की जानकारी मांगी थी. लेकिन इन्होंने बरी होने का कोर्ट का झूठा आदेश पेश कर आईएएस (IAS) पद पर पदोन्नती ले ली.

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यूपीएससी द्वारा जब इन दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के लिए इंदौर पुलिस को भेजा गया. तब यूपीएससी को प्रस्तुत किया गया कोर्ट का आदेश फर्जी निकला. इस आदेश पर विशेष न्यायाधीश विजेन्द्र सिंह रावत के हस्ताक्षर थे. मामले का खुलासा होने के बाद विशेष न्यायाधीश ने धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार कराने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी. मामले में एमजी रोड पुलिस ने 10 और 11 जुलाई की दरमियानी रात को नगरीय प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त के पद पर पदस्थ IAS अधिकारी संतोष वर्मा को गिरफ्तार कर लिया था.

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