विशेष संवाददाता/ रायपुर। आज भले ही बेटियां कितनी भी आगे क्यों न हो, लेकिन समाज में आज भी बेटा-बेटी में फर्क कम नहीं हुआ है. आप शायद इस बात पर यकीन न करें कि एक पिता अपनी ही बेटियों को गैर मर्दों के सामने पेश होकर पैसा कमाकर लाने और पत्नी की कोख में बेटा ही पैदा हो इसके लिए तंत्र-मंत्र के साथ दोस्तों से संबंध बनाने को भी कह सकता है.
पढ़िए पूरी रिपोर्ट-

ये दर्द भरी कहानी है रायपुर के महिला थाने में दर्ज एक पीड़िता की. उस पीड़िता की जिन्होंने अपने पति और ससुराल के अन्य सदस्यों पर कई संगीन आरोप लगाए है. पीडिता ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी 11.04.2010 को हुई. शादी के बाद महिला को पता चला कि उसका पति शराबी है और कई गंदे कामों में लिप्त है. लेकिन उसके साथ होने वाली मारपीट और अपने साथ हो रहे अत्याचारा का वो विरोध करती और इसकी शिकायत अपने सास-ससुर से करती तो उसे जवाब मिलता कि ‘तुम उसे खुश नहीं रखती होगी इसलिए वो तुम्हारे साथ ऐसा व्यवहार कर रहा है’. वाद-विदाद के बीच पीड़िता गर्भवती हुई, उसने सोचा शायद अब सबकुछ ठीक हो जाएगा और उसके गर्भवती होते ही उसके ससुराल में अच्छा व्यवहार भी होने लगा. उसके सास-ससुर और पति ने उससे कहा था, कि पैदा तो लड़का ही होना चाहिए. लेकिन 9 जून 2011 को उसने बेटी को जन्म दिया.

इसके बाद तो पीड़िता पर अत्याचार और बढ़ गया और जन्म ली बच्ची को अपना न बताकर गैर मर्द से अवैध संबंध का नतीजा बताया और मासूम बच्ची और मां(पीड़िता) दोनो को घर से निकाल दिया गया. फिर किसी तरह पीड़िता के पिता और भाई ने अपने दामाद को समझाया और दोनो के बीच सुलह हुई. लेकिन पीड़िता के पति ने पत्नी और बच्ची को अपने पास रखने दो लाख रुपए की मांगे. बेटी ससुराल में खुश रहे इसलिए पिता ने 1 लाख 20 हजार रुपए दिए और बाकी की रकम बाद में देने का वादा किया. पैसे मिलने के कुछ दिन बाद तो सब कुछ ठीक रहा, लेकिन थोड़े दिनों बाद पति ने ससुराल से मिले पैसे से अय्यासी शुरू कर दी और फिर से पीड़िता और बच्ची के साथ मारपीट करने लगा. कुछ महीनों बाद फिर मारपीट और घर से निकलाने के बाद पुनः मायके पक्ष ने समझौता कराया और फिर से डेढ़ लाख रुपए देकर उसे मायके भिजवाया.

इसी बीच 29 मई 2013 को पीड़िता के पिता की मौत हो गई. जिसके बाद ससुराल वालों ने पीड़िता से अपने पिता की संपत्ति पर अपना हक मांगने का दबाव बनाया. पीड़िता ने पुलिस को बताया कि ससुराल वालों का कहना था, कि वहां से और पैसे मिलेंगे तो उन्हें नया घर बनवाकर दे देंगे और वे अलग अकेले रहेंगे. एक बार फिर ससुराल वालों ने नए मकान के लिए पैसे दिए. इसके बाद पीड़िता दोबारा गर्भवती हुई. इसके बाद पीड़िता पर फिर से बेटे को ही जन्म देने का दबाव था. इस बाद उसे यह भी धमकी मिली कि यदि बेटा पैदा नहीं हुआ तो ससुराल वाले उसकी बेटियों के साथ उसे भी जिंदा जला देंगे. इस दौरान भी तंत्र-मंत्र की मदद ली गई और समय-समय पर गर्भवती महिला को तांत्रिक बाबाओं के पास ले जाया गया.

18 अक्टूबर 2015 को उसने फिर मासूम को जन्म दिया और इस बार भी घर में लक्ष्मी आई. लेकिन दोबारा बेटी को जन्म देने बाद महिला पर मानों कहर गिर गया. फिर उसके चरित्र पर लांछन लगाया गया और जान से मारने की धमकी मिली. ससुराल में उसे यह भी कहा जाने लगा कि ‘तेरी बेटीयों पर हमने लाखों रुपया खर्च कर दिया है इसे तुम लोगों को बेचकर वसूल करूंगा’. हद तो तब हो गई जब 15 जनवरी 2017 को उसकी 6 साल की बड़ी बेटी के साथ उसके चाचा ने दुराचार करने की कोशिश की. इसकी रिपोर्ट भी महिला ने मंदिर हसौद थाने में दर्ज कराई और पुलिस ने बच्ची का मेडिकल कराने के बाद धारा 354, 354क,  के तहत मामला दर्ज किया और आरोपी चाचा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

अब पीड़िता पर ससुराल वाले यह दबाव बना रहे है कि उनपर 10 लाख रुपए का कर्ज है इसलिए उसकी छोटी बेटी को बेचना और पत्नी को अपने दोस्तों के साथ संबंध बनाने और बड़ी बेटी को पुरुषों के सामने पेश होकर पैसे कमाकर लाने के लिए कह रहा है. महिला थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर उसके पति जीवन वर्मा, सास सुरजा बाई वर्मा और ससुर बुधराम वर्मा के खिलाफ भादंसं की धारा 323, 34, 498 (ए) और 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.