कोटा। प्रदेश में गर्मी की आहट के साथ ही कोटा में स्थित देश के एकमात्र पानी के टैंकर वैगन बनाने वाले माल डिब्बा मरम्मत कारखाने में 100 वैगन तैयार करना शुरू कर दिया है. हालांकि इन टैंकराें से राजस्थान के किन शहराें में पानी जाएगा और पानी चंबल से जाएगा या कहीं और से यह डिमांड अभी तक जिला प्रशासन के पास नहीं आई है, लेकिन संभावना है कि इस बार मारवाड़ क्षेत्र में पानी की ट्रेन भिजवाई जाएगी.

मुंबई से 50 वैगन का एक रैक 2 दिन पहले ही कोटा पहुंच चुका है. पेट्रोल सप्लाई के काम आने वाले इन सभी वैगनो को पानी सप्लाई करने के योग्य बनाने का काम शुरू हो चुका है. टैंकर वैगन में भरे पानी का नमूना लेकर उसे लैब में चेक किया जाता है.

उसकी रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार को सौंपा जाएगा. यहां से पहले भी तमिलनाडु, चेन्नई, लातूर व अन्य शहराें में टैंकर वैगन तैयार करके दिए हैं. वहीं काेटा से भी चंबल का पानी भरकर भीलवाड़ा, बूंदी सहित कई शहराें की प्यास बुझाई है.

इधर, चंबल किनारे बसी काॅलाेनियां भी प्यासी
प्रदेश में पेयजल संकट दूर करने के लिए पानी के टैंकर वैगन काेटा में तैयार किए जा रहे हैं. हालांकि जिला प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है. इन वैगन में कोटा से चंबल का पानी ही भेजा जाएगा या अन्य जगहों से इन्हें भरा जाएगा. किल्लत वाले क्षेत्रों में पानी सप्लाई करना अच्छी बात है, लेकिन बड़ा सवाल यह भी है कि चंबल वाले काेटा शहर में बसी 20 से अधिक कालाेनियां ऐसी है, जहां पानी की किल्लत बनी हुई है.

पेयजल सभी काे मिलना चाहिए, लेकिन जाे चंबल के नजदीक है, उन्हें भी ताे पानी मिलना चाहिए. काेटा शहर में नदी पार क्षेत्र, बारां राेड से लेकर नए काेटा में बनी कई मल्टीस्टाेरीज पेयजल के लिए तरस रही हैं. यहां के लाेगाें काे चंबल का पानी नहीं मिल रहा है, इसलिए मजबूरन बाेरिंग का फ्लाेराइड युक्त पानी पी रहे हैं.

मुख्य कारखाना प्रबंधक मनीष कुमार गुप्ता का कहना है कि रेलवे बोर्ड के आदेश के अनुसार कोटा कारखाना में राजस्थान में पेयजल संकट के क्षेत्रों में पानी सप्लाई के लिए 100 टैंकर वैगन तैयार किए जाएंगे. 50 वैगन कारखाने में पहुंच चुके हैं। उन्हें पानी सप्लाई योग्य बनाने का काम शुरू हो चुका है.

एक टैंकर की क्षमता 54000 लीटर
कारखाने में मॉडिफाई किए जा रहे एक टैंकर वैगन में पानी की क्षमता 54000 लीटर है. एक रैक में 50 टैंकर वैगन होते हैं. कोटा रेलवे वर्कशॉप में 100 टैंकर वैगन अभी तैयार किए जा रहे हैं. अभी 50 वैगन कोटा रेल माल डिब्बा कारखाने में पहुंच चुके हैं.

पेट्रोल टैंकर वैगन को पानी सप्लाई योग्य बनाने के लिए पहले उसकी स्टीम क्लीनिंग होती है। इससे कचरा वैगन से बाहर निकल जाता है. वैगन की स्क्रेपिंग की जाती है. कर्मचारी वैगन के ढक्कन के रास्ते से वैगन के अंदर जाता है. इस दौरान ऊपर पंखा चलाया जाता है ताकि कर्मचारी को हवा मिलती रहे. कर्मचारी वैगन को सोडे व केमिकल से साफ करता है.

टैंकर वैगन में पानी भर कर उसे हिलाया जाता है, ताकि टैंकर वैगन के अंदर के हिस्से में लगे कचरे को भी छुड़ाया जा सके. टैंकर वैगन में फिर पानी भरा जाता है. कुछ समय टैंकर में पानी भरा रहने के बाद उस टैंकर से पानी निकालकर नमूना लेकर उसकी रेलवे वर्कशॉप में बने लैब में जांच कराई जाती है. सब कुछ सही पाए जाने के बाद ही टैंकर वैगन को पानी सप्लाई के योग्य घोषित किया जाता है.

अभी तक हमारे पास राजस्थान के किसी भी हिस्से से पानी के लिए काेई डिमांड नहीं आई है. भारत सरकार द्वारा टैंकर वैगन तैयार करवाए जा रहे हैं, लेकिन इनसे पानी कहां भेजना है, यह काेई जानकारी नहीं है. डिमांड अाएगी, उसके अनुसार देखेंगे.