सदफ हामिद, भोपाल। मध्य प्रदेश में बिजली का संकट दिन- प्रतिदिन गहराता जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों व कृषि क्षेत्रों में स्थिति बेहद खराब होती जा रही है. कई-कई घंटों की अघोषित कटौती की जा रही है. कोयले की कमी के कारण उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है. इसी बीच बिजली संकट को लेकर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर का बयान सामने आया है. प्रद्युमन सिंह तोमर का कहना है कि न ही प्रदेश में बिजली का संकट है और न ही बिजली कटौती हो रही है. जबकि सरकार के ही गृहमंत्री ने प्रदेश में बिजली संकट की बात स्वीकार की है.

ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा कि मध्य प्रदेश का कोई विधायक बता दे, किसके यहां 18 से 20 घंटे की बिजली की कटौती हो रही है, मैं खुद मौके पर जाकर देखूंगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी प्रकार का बिजली का कोई संकट नहीं है और न ही बिजली की कटौती हो रही है.

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ऊर्जा मंत्री कर रहे विभाग का बचाव

प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा कि कहा कि कोई भी विधायक बिजली कटौती के सबूत दे तो तत्काल कार्रवाई होगी. जनता की सेवा में कोई कमी रह गई तो मंत्री हो या अधिकारी पर नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि कोयला खदानों में बारिश का पानी भरने और मेंटिनेंस के चलते कहीं-कहीं 1 से 2 घंटे की कटौती की गई थी.

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बीजेपी विधायकों ने लिखा सरकार को पत्र

दरअसल, विपक्ष से लेकर पक्ष ने प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती को लेकर सरकार को आड़े हाथ ले रही है. वहीं बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और राकेश गिरी ने भी पत्र लिखकर अपनी ही सरकार से बिजली कटौती बंद करने की मांग की है. जिसको लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्यु पर सवाल उठाने के बाद अब सरकार ने भी माना है कि बिजली संकट है.

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गृहमंत्री ने माना प्रदेश में है बिजली संकट

बता दें कि गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बिजली संकट को स्वीकार करते हुए कहा है कि बिजली संकट है और 5 दिन में बिजली संकट दूर हो जाएगा. बिजली संकट इसलिए है क्योंकि पावर प्लांट में तकनीकी दिक्कते आईं हैं, बारिश और कोयले की कमी के कारण बिजली कटौती हो रही है.

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झूठ परोस रही सरकार: नाथ

प्रदेश में बिजली संकट को लेकर लगातार विपक्ष हमलावर है. वहीं एक बार फिर पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा, ”पूरे प्रदेश में बिजली की अघोषित कटौती जारी, ग्रामीण क्षेत्रों व कृषि क्षेत्रों में घंटो बिजली ग़ायब, कई हिस्से घंटो अंधेरे में प्रदेश में कोयले का भी भारी संकट, उत्पादन प्रभावित, माँग व आपूर्ति में भारी अंतर लेकिन इन सब बातों से बेख़बर ज़िम्मेदार सच्चाई स्वीकारने की बजाय अभी भी झूठ परोस रहे है? कह रहे है कि प्रदेश में कोई बिजली का संकट नही.”

पावर प्लांट में कोयला सप्लाई बंद

गौरतलब है कि कोयला कंपनी ने सरकारी भुगतान नहीं होने पर सप्लाई बंद कर दी है. वहीं सिंगाजी पावर प्लांट में बिजली का उत्पादन आधा हो गया है. सिंगाजी पावर प्लांट की 2400 MW में से 1200 MW की बिजली उत्पादन इकाइयां भी बंद हैं. जबकि संजय गांधी पावर प्लांट में भी कोयला खत्म होने की कगार पर है. फिलहाल प्रदेश में बिजली की जरुरत 10 हजार MW है, लेकिन 8 हजार ही उपलब्ध है. इन दोनों पावर प्लांट से बिजली उत्पादन रुकने से बिजली का संकट और गहरा सकता है.

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